आज अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में दर्शन दे रहे है बाबा विश्वनाथ

वाराणसी। भक्तों के कल्याण के लिए महादेव ने अर्द्धनारीश्वर स्वरूप धारण किया था। विश्व के नाथ बाबा विश्वनाथ सावन के तीसरे सोमवार को अपने इसी अद्भुत स्वरूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। भक्त भगवान शिव के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप का दर्शन कर रहे हैं। खास बात यह है कि भगवान शिव का यह स्वरूप भक्तों के लिए ही होता है। मनुस्मृति के अनुसार महादेव ने स्वयं को दो भागों में विभक्त करके अर्द्धनारीश्वर स्वरूप के दर्शन कराए थे। में सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह से गंगा के तट तक बोल-बम और हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं। गंगा घाट से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक भक्तों की लंबी कतार लगी है। भक्तों को श्री काशी विश्वनाथ का झांकी दर्शन ही मिल रहा है। काशी के दूसरे शिवालयों में भी भीड़ जैसा नजारा है। आस्था की डोर पर सवार भक्तों के आगमन से बाबा दरबार हर-हर बम-बम के नारों से गूंज रहा है। मंगला आरती से शुरू हुआ जलाभिषेक और दर्शन झांकी का सिलसिला अनवरत जारी है। जानकारी के मुताबिक सुबह आठ बजे तक 8 हजार से ज्यादा दर्शनार्थियों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि सावन को देखते हुए विशेष तैयारी की गई है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा सभी प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। मंदिर में गर्भगृह के पहले ही बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन एलईडी स्क्रीन पर श्रद्धालु कर सकेंगे। सभी रास्तों पर पेयजल की व्यवस्था भी होगी। स्टील की रेलिंग के बीच बिछे कारपेट से श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करेंगे।

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