गोरखपुर। गोरखपुर जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में हेपेटाइटिस मरीजों की पहचान शुरू हो गई है। जिला अस्पताल ग्रामीण क्षेत्रों के हेपेटाइटिस मरीजों की जांच में जुट गया है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों के डॉक्टर विशेष रूप से अभियान चलाकर सैंपल ले रहे हैं, जिसकी जांच जिला अस्पताल में हो रही है। यह अभियान 12 अगस्त तक चलेगा। अब तक 110 नमूनों की जांच भी हो चुकी है। शासन की ओर से हेपेटाइटिस के मरीजों की पहचान के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। यह बीमारी एचआईवी की तरह ही बेहद संक्रामक है। डॉक्टरों के मुताबिक हेपेटाइटिस जानलेवा है। यह साइलेंट किलर की तरह लिवर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है। कई बार बीमार मरीज की हालत बिगड़ने पर ही बीमारी का पता चलता है। हेपेटाइटिस दूषित खानपान और असुरक्षित व्यवहार सुई-ब्लेड आदि का खतरा रहता है। हेपेटाइटिस बी और सी असुरक्षित व्यवहार की वजह से होता है। इसे देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की जांच कराई जा रही है। अब तक 110 नमूने जिला अस्पताल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। इनमें शुक्रवार को 50 और शनिवार को 60 नमूने भेजे गए है। इनकी रिपोर्ट सोमवार को जारी होगी। जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि हर साल ग्रामीण क्षेत्रों में हेपेटाइटिस-बी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हेपेटाइटिस लोगों के लिवर को खराब कर रहा है। अगर समय रहते जांच नहीं होती है तो लिवर सिरोसिस का खतरा बढ़ सकता है। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों से नमूने लेकर हेपेटाइटिस की जांच की जा रही है।