अयोध्या। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के लिए पीडब्ल्यूडी की एनएच विंग ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। इस मार्ग से पौराणिक महत्व के 51 तीर्थ स्थल जुड़ेंगे। करीब 3500 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए जमीन लेने का काम भी प्रारंभ हो गया है। दिसंबर तक जमीन पर कार्य प्रारंभ करने की योजना बनाई जा रही है। शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों होने की पूरी संभावना है। वर्तमान में अयोध्या, अम्बेडकरनगर, गोंडा, बाराबंकी और बस्ती से गुजरने वाला यह परिक्रमा मार्ग करीब 233 किमी लंबा है। इस परिक्रमा को श्रद्धालु एक माह में पूरा करते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से बनाए जाने वाला परिक्रमा मार्ग 275 किमी लंबा होगा। इस नए मार्ग से पुरानी परिक्रमा मार्ग पर स्थित न सिर्फ सभी तीर्थस्थल जोड़े जाएंगे, बल्कि पुराने परिक्रमा मार्गों को भी ठीक किया जाएगा। इसके लिए 45 मीटर चौड़ाई में जमीन ली जाएगी। पीडब्ल्यूडी के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, परिक्रमा मार्ग को पूरा करने के लिए घाघरा नदी पर दो स्थानों पर लंबे पुल बनाए जाएंगे। इनमें से प्रत्येक पुल की लंबाई 3.5 किमी होगी। श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए पूरे मार्ग पर 23 रात्रि हॉल्ट का निर्माण होगा। जमीन अधिग्रहण पर 1000 और यूटिलिटी शिफ्टिंग पर 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सिविल निर्माण की लागत 2100 करोड़ रुपये आएगी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का एस्टीमेट शीघ्र बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए कंसल्टेंट फर्म को लगा दिया गया है।