प्रयागराज। पांच दिन में खतरे के निशान से 1.36 मीटर ऊपर जाने के बाद गंगा-यमुना का जलस्तर बृहस्पतिवार को खिसकने लगा। देर शाम गंगा दो सेमी और यमुना एक सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से घटने लगीं। इससे कछार के ऊपरी हिस्से में बाढ़ से बढ़ने वाली बर्बादी पर फिलहाल विराम लग गया है। इस दिन बांधों से इन नदियों में पानी नहीं छोड़ा गया और फिलहाल पीछे से पानी का दबाव टूट गया है। कहा जा रहा है कि अगर फिर पहाड़ों पर भारी बारिश नहीं हुई, तो अगले 48 घंटे में बाढ़ का दायरा तेजी से सिमटने लगेगा। लेकिन, कछार में जिंदगी पटरी पर लौटने में अभी वक्त लगेगा। बृहस्पतिवार को गंगा 86.09मीटर और यमुना 85.85 मीटर पर जाने के बाद स्थिर हो गईं। लेकिन, इसके बाद कुछ घंटों के अंतराल पर एक बार फिर उतार-चढ़ाव शुरू हो गया। सुबह छह से आठ बजे के बीच फाफामऊ और छतनाग में गंगा आधा सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से घटने लगी, लेकिन यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने लगा। करीब तीन घंटे तक यह क्रम चलने के बाद गंगा-यमुना दोनों घटने लगी। इससे कई जगह शहर की सड़कों की ओर बढ़ा गंगा पानी नीचे की ओर खिसकने लगा। जलस्तर घटने से अब तक पिछले पांच दिनों से जलमग्न कछार की 40 से से अधिक कॉलोनियों और बस्तियों में राहत की उम्मीद जग गई। फिलहाल इस बाढ़ से बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। सिंचाई बाढ़ खंड के एक्सईएन ब्रजेश कुमार सिंह के मुताबिक यमुना में अब जल दबाव टूटने लगा है। बांधों से अभी कोई बड़ी जलराशि गंगा-यमुना में नहीं छोड़ी गई है। यही हाल रहा तो जल्द ही तेजी से बाढ़ का पानी घटने लगेगा।