स्पोर्ट्स। टोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर जीतने वाले देवेंद्र झाझरिया ने अपने पिता को पदक समर्पित किया। उन्होंने कहा कि पिता की वजह से ही मैं यहां तक पहुंचा हूं। मेरे पिता ने मुझे कड़ी मेहनत करने और एक और पदक जीतने के लिए प्रेरित किया। मुझे खुशी है कि आज मैंने उनका सपना पूरा कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि उनके प्रयासों ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया है। बता दें कि दो बार के स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया ने सोमवार को एफ46 वर्ग में 64.35 मीटर भाला फेंककर टोक्यो में सिल्वर मेडल जीता। एथेंस (2004) और रियो (2016) में स्वर्ण पदक जीतने वाले 40 वर्षीय झाझरिया ने इस दौरान अपना पिछला रिकॉर्ड भी तोड़ा। झाझरिया के पहले 63.97 मीटर के साथ विश्व रिकॉर्ड दर्ज था। बता दें कि झाझरिया ने आठ साल की उम्र में करंट लगने की वजह से अपना बायां हाथ गंवा दिया था। वहीं इस स्पर्धा में श्रीलंका के दिनेश प्रियान हेराथ ने 67.79 मीटर भाला फेंककर झाझरिया का स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी करने का सपना पूरा तोड़ दिया। श्रीलंकाई एथलीट ने इस दौरान झाझरिया का पिछला विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा। झाझरिया ने ट्वीट कर कहा, ‘आज टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक जीतकर पैरालंपिक के इतिहास में एक बार फिर से अपने हौसले की एक और दास्तान दर्ज करवाई। ओलंपिक और पैरालंपिक में तीन व्यक्तिगत पदक प्राप्त कर इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर अपना नाम दर्ज करवाया,आप सभी देशवासियों का बहुत बहुत आभार।’