नई दिल्ली। वैसे तो जनता के लिए कई सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं। लेकिन इन योजनाओं में से एक स्कीम ऐसी भी है, जिससे करदाताओं का काफी लाभ मिल रहा है। कानूनी विवादों में फंसे लाखों कर मामलों से न सिर्फ करदाता वर्षों से मानसिक तनाव झेल रहे, बल्कि सरकार का भी करोड़ों रुपये का राजस्व फंसा हुआ है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए प्रत्यक्ष कर से जुड़े पुराने कानूनी मामलों को सुलझाने के लिए ‘विवाद से विश्वास’ योजना की घोषणा की थी। अब सरकार ने प्रत्यक्ष कर समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास’ के तहत भुगतान की तिथि एक महीने बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है। इस योजना के तहत विवादित कर का 100 फीसदी तथा विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 फीसदी देकर मामले का निपटान किया जा सकता है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि फॉर्म 3 जारी करने और संशोधित करने में आ रही दिक्कतों की वजह से भुगतान की तिथि को 30 सितंबर 2021 तक आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है। मालूम हो कि विवाद से विश्वास के तहत भुगतान के लिए फॉर्म 3 जरूरी है। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने जून में योजना के तहत भुगतान की तिथि को बढ़ाकर 31 अगस्त किया था। हालांकि करदाताओं के पास ब्याज की अतिरिक्त राशि के साथ 31 अक्तूबर तक भुगतान करने का विकल्प था। इसकी आखिरी तारीख 31 अक्तूबर ही रहेगी इस योजना का मकसद लंबित कर विवादों का समाधान करना है। इस योजना के तहत करदाताओं को केवल विवादित टैक्स राशि का भुगतान करना होता है। उन्हें ब्याज और जुर्माने पर पूरी छूट मिलती है। सरकार ने योजना में स्पष्ट किया था कि जिस आय का खुलासा नहीं किया गया अथवा जो संपत्ति भारत से बाहर स्थित है, उन पर चल रहे कर विवादों में इससे कोई राहत नहीं मिलेगी। इसके अलावा जिन मामलों में किसी निश्चित आकलन वर्ष के लिए फोरम या कोर्ट पहले ही फैसला सुना चुका है। उन्हें भी योजना का लाभ नहीं दिया जा सकेगा। साथ ही जिन लोगों के खिलाफ स्मगलिंग जैसे मामलों में हिरासत या गिरफ्तारी के आदेश जारी हो चुके हैं अथवा बेनामी संपत्ति के हस्तांतरण, धनशोधन, ड्रग्स या गैरकानूनी मामलों में कोई आदेश जारी किया गया है, उन्हें भी योजना के तहत शामिल नहीं किया जाएगा।