छह माह बाद शोधार्थियों के लिए खुला जेएनयू कैंपस

नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छह महीने के बाद पीएचडी अंतिम वर्ष के शोधार्थियों के लिए खुल गया। जेएनयू के सभी गेट पर पीएचडी शोधार्थियों का आईकार्ड और 72 घंटे पुरानी आरटीपीसीआर जांचने के बाद उन्हें कैंपस में एंट्री मिली। लेकिन पहले दिन बेहद कम शोधार्थी कैंपस पहुंचे। दरअसल आरटीपीसीआर और शहर से बाहर होने के चलते पहले दिन छात्रों की संख्या कम दिखी। वहीं, डेढ़ साल के बाद सेंट्रल लाइब्रेरी आधिकारिक रूप से 50 फीसदी क्षमता के साथ छात्रों के लिए खुल गई। फिलहाल पहले चरण में शोधार्थियों को ही एंट्री मिली है। दूसरी ओर जेएनयू छात्रसंघ समेत वामपंथी छात्र संगठनों ने सभी छात्रों के लिए कैंपस खोलने और शैक्षणिक सत्र 2019 और 2020 में दाखिला लेने वाले स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्रों को हॉस्टल दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। हालांकि कैंपस खुल गया पर चहल-पहल नहीं लौटी है। कैंपस के अंदर बस के अलावा ऑटो-कैब को आने की अनुमति दे दी गई है। इससे पहले आउटसाइडर और बाहरी वाहनों की कैंपस में आने पर रोक थी। विभिन्न स्कूल और सेंटर शोधार्थियों के लिए खोल दिये गए हैं। हालांकि, कैंपस और विभाग में आने के दौरान छात्रों को स्वयं सत्यापित पत्र भरकर देना पड़ रहा है। इसमें लिखा है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे और उन्हें सर्दी, जुकाम या सांस लेने में दिक्कत नहीं है। वे अपनी मर्जी से कैंपस में पढ़ाई के लिए आए हैं। इस दौरान सभी गाइडलाइन्स का पालन करेंगे।

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