नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के माध्यम से महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल(एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ को यह जानकारी दी। पीठ एनडीए परीक्षा में महिला को भाग लेने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। एएसजी भाटी ने पीठ से कहा, ‘एक अच्छी खबर है। सेना और सरकार के उच्चतम स्तर पर निर्णय लिया गया है कि एनडीए के माध्यम से महिलाएं सशस्त्र बलों में जा सकेंगी।’ भाटी ने कहा कि मंगलवार शाम को यह निर्णय लिया गया है। जिसके बाद पीठ ने एएसजी से एक हलफनामे के जरिए इस बयान को रिकॉर्ड में रखने को कहा। पीठ ने कहा, ‘सशस्त्र बल इस देश की सम्मानित बल हैं। लेकिन लैंगिक समानता पर उन्हें और अधिक ध्यान देना होगा।’ पीठ अब दो हफ्ते बाद इस मामले पर सुनवाई करेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पारित कर महिलाओं को अस्थायी आधार पर एनडीए परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी। कुश कालरा द्वारा दायर इस याचिका में एनडीए में योग्य एवं इच्छुक महिला उम्मीदवारों को शामिल नहीं करने का मसला उठाया गया है। याचिका में कहा गया है कि महिलाओं को केवल लिंग के आधार पर एनडीए में शामिल नहीं किया जाता है जो समानता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की गुहार लगाई गई थी कि योग्य महिला उम्मीदवारों को एनडीए परीक्षा में बैठने और एनडीए में प्रशिक्षण प्राप्त करने की अनुमति दी जाए। याचिका में कहा गया है कि योग्य महिला उम्मीदवारों को एनडीए से लगातार बाहर रखना संवैधानिक रूप से उचित नहीं है और ऐसा महज उनके लिंग के आधार पर किया जाता है।