नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दसवीं-बारहवीं के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्कूलों को बच्चों का पंजीकरण कर परीक्षा फॉर्म भरना है। इस बार स्कूलों का परीक्षा फॉर्म भरने में गलती करना बच्चों पर भारी पड़ सकता है। दरअसल इस बार से बोर्ड छात्रों का डेटा एक बार अपलोड होने के बाद गलती सुधारने का मौका नहीं देगा। बोर्ड ने इस वर्ष से अपलोड किए गए डेटा में सुधार के लिए कोई विंडो उपलब्ध नहीं कराने का फैसला किया है। स्कूलों को निर्देशित किया है कि वह छात्रों का डेटा अपलोड करने से पहले उसे पूरी तरह से जांच लें। सीबीएसई बोर्ड ने अगस्त माह में स्कूलों को छात्रों की एलओएसी और पंजीकरण केलिए पहले से तैयारी करने के निर्देश दिए थे। जिससे कि सही ढंग से पंजीकरण हो सकेऔर उसमें किसी प्रकार की गलती ना हो। दरअसल अक्सर ऐसा होता है कि नाम, जन्मतिथि, माता-पिता के नाम, विषयों और अन्य जानकारी गलत भर दी जाती है। इससे बाद में छात्रों को परेशानी उठानी पड़ती है। इस कारण से अगस्त में स्कूलों को कहा गया था कि छात्र के डेटा में किसी तरह की गलती हो तो तुरंत उसमें सुधार कर लें। स्कूलों को कहा गया है कि सही प्रकार से डेटा भेजने की जिम्मेदारी स्कूलों की होगी और स्कूल अपने रेगुलर छात्रों का सही डेटा अपलोड करें। सही डेटा देने से परीक्षा में छात्रों को सही प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी। साथ ही परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों के व्यक्तिगत डेटा में सुधार केमामलों में भी कमी होगी। वहीं अब तक स्कूलों को एलओसी केलिए फाइनल डेटा की कॉपी क्षेत्रीय कार्यालय को भेजनी होती थी। अब इस साल से प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है। मालूम हो कि इस वर्ष सीबीएसई दसवीं व बारहवीं में दो बार बोर्ड परीक्षा ले रहा है। पहली टर्म परीक्षा नवंबर-दिसंबर में और दूसरी टर्म परीक्षा मार्च-अप्रैल में होगी।