नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर भारत की भागीदारी के कारण पारस्परिक रूप से लाभप्रद साझेदारी बनी है। विकासशील देशों के हितों और कम प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए भारत एक न्यायसंगत और समान वैश्विक व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में आइसलैंड, गांबिया गणराज्य, स्पेन, ब्रुनेई दारुस्सलाम और श्रीलंका के लोकतांत्रिक गणराज्य के राजदूतों से परिचय पत्र स्वीकार किए। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी राजदूतों को उनकी नियुक्ति व भारत में एक सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत के इन सभी पांच देशों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और भारत इनके साथ शांति, समृद्धि का एक समन्वित दृष्टिकोण साझा करता है। उन्होंने इस बात को दोहराया कि भारत सामूहिक स्वास्थ्य और आर्थिक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कोविड-19 महामारी के खिलाफ एक निर्णायक वैश्विक प्रयासों में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत भारत के लोगों को अब तक 80 करोड़ से अधिक खुराकें मिल चुकी हैं।