जम्मू-कश्मीर। हमें अगले 25 साल के विजन के साथ तैयार करने की जरूरत है। विश्वास है कि जब हम वर्ष 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएंगे तो नए जम्मू-कश्मीर का हमारे राष्ट्र की विकास गाथा में योगदान के साथ एक विशेष स्थान होगा। यह बात उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कही। उप-राज्यपाल श्री सिन्हा ने इस मौके पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जम्मू से नई दिल्ली के राजघाट के लिए सीआरपीएफ की साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि पिछले 13 महीनों में जम्मू-कश्मीर में एक सार्थक बदलाव आया है और यह कठिनाइयों पर काबू पाकर विकास की एक नई सुबह देख रहा है। प्रदेश के शासन में हाल ही में लाए गए संरचनात्मक परिवर्तनों ने समग्र विकास को गति दी है। चाहे वह कृषि, शिक्षा, उद्योग, बुनियादी ढांचा, ग्रामीण संपर्क या रोजगार और उद्यमिता का क्षेत्र हो। सरकार सशक्तीकरण और लोगों की भागीदारी के माध्यम से लोगों के व्यक्तिगत हित में काम कर रही है। केंद्र शासित प्रदेश के सतत विकास में लोगों के योगदान को प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें विकास प्रक्रिया से सीधा जोड़ने की भी कोशिश हो रही है। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में किए गए सुधारों से आमूलचूल परिवर्तन आया है और इसका लाभ केंद्र शासित प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों तक भी पहुंच रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता आंदोलन की भावना रखता है। यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करता है, जिन्होंने हमें विभिन्न चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने और आज पूरी दुनिया में एक विशेष स्थान बनाने के लिए प्रेरित किया है। शांति और सद्भावना को बढ़ावा देने में सीआरपीएफ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि महात्मा गांधी की जयंती पर राजघाट पहुंचने वाली साइकिल रैली राष्ट्रीय सुरक्षा, मानव कल्याण और अन्य मानवीय कार्यों को सुनिश्चित करने के सीआरपीएफ के प्रयासों को सभी तक ले जाएगी। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा कहा कि मुझे आपकी असाधारण वीरता पर पूरा भरोसा है। आपको न केवल राष्ट्रविरोधी तत्वों पर कड़ी नजर रखनी है बल्कि उन लोगों को भी सबक सिखाना है जो हमारी एकता और शांति को भंग करने की कोशिश करते हैं। सुरक्षाबलों ने जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने तथा समावेशी समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के पास राष्ट्र की सेवा करने की 83 वर्षों की समृद्ध विरासत है। वीरता और बलिदान की अनगिनत कहानियों के अनोखे उदाहरण सुरक्षा एजेंसियों के इतिहास में दुर्लभ हैं।