विद्यार्थियों का फिलॉसफी में बढ़ा रुझान

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कॉलेजों में इस साल बीए (ऑनर्स) दर्शनशास्त्र में विद्यार्थियों की रुचि बढ़ रही है। पहली कटऑफ में ही कॉलेजों की इस कोर्स की अनारक्षित श्रेणी की आधी सीटें भर गई हैं। कॉलेज प्राचार्य और शिक्षक पाठ्यक्रम की लोकप्रियता में वृद्धि का कारण कम कट-ऑफ बताते हैं। राचार्यों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद यूपीएससी परीक्षा और कानून जैसे अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए यह कोर्स आधारशिला है। इस पाठ्यक्रम वाले 15 कॉलेजों में से 7 ने पहली सूची में ही अपनी अनारक्षित श्रेणी की सीटें भर ली हैं। इनमें मिरांडा हाउस, हिंदू कॉलेज, लेडी श्रीराम जैसे कॉलेज फुल हो चुके हैं तो ऑफ कैंपस के लक्ष्मीबाई कॉलेज और श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज में भी सीटें रिक्त नहीं हैं। मिरांडा हाउस की प्राचार्य डॉ. बिजयलक्ष्मी नंदा ने कहा कि राजनीति विज्ञान (ऑनर्स) जैसे पाठ्यक्रम ऊंची कटऑफ पर ही तेजी से भर जाते हैं। बीए (ऑनर्स) फिलॉसफी उन विद्यार्थियों के लिए विकल्प है, जिनके अंक थोड़े कम हैं। 95-98 फीसदी अंकों के साथ वे अच्छे कॉलेज में प्रवेश पा सकते हैं। यह ऐसा विषय है, जिसे आप पहले अध्ययन न करने के बावजूद चुन सकते हैं। कॉलेज ने इस विषय के लिए 97.50 फीसदी कटऑफ जारी की थी। इस पाठ्यक्रम की सीटों पर दाखिले फुल हो गए हैं। दर्शनशास्त्र विभाग के एक प्रोफेसर डॉ. बालगणपति देवरकोंडा ने कहा कि वह पिछले 4-5 वर्ष से पाठ्यक्रम को लोकप्रिय बनाने के लिए काम कर रहे हैं। कुछ कॉलेजों ने पहली सूची में ही 90 फीसदी सीटें भर दी हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार ने कहा कि कॉलेज में पाठ्यक्रम के लिए लगभग 60 फीसदी सीटें भर गई हैं। संभावना है कि शेष सीटें भी दूसरी सूची में पूरी तरह भर जाएंगी। कॉलेज ने अनारक्षित वर्ग के लिए पहली सूची में प्रवेश पहले ही बंद कर दिया है। इस विषय के साथ यूपीएससी की तैयारी की जा सकती है। साथ ही उच्च शिक्षा लेकर विद्यार्थी शिक्षण क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। यहां तक कि शोध संगठन भी ऐसे लोगों की तलाश करते हैं, जिनके पास अच्छा दार्शनिक प्रशिक्षण और डॉक्टरेट की डिग्री हो। कुछ निजी अस्पतालों ने रोगियों और परिवारों की काउंसलिंग के लिए दार्शनिक परामर्शदाताओं को नियुक्त करना शुरू कर दिया है। इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वुमन की प्राचार्य डॉ. बबली मोइत्रा सराफ ने कहा कि कम कट-ऑफ कोर्स की लोकप्रियता में वृद्धि का एक कारण हो सकता है। आईपी कॉलेज ने अनारक्षित श्रेणी में सीटें भर दी हैं। इसकी कट-ऑफ 93 फीसदी थी। बीए (ऑनर्स) पॉलिटिकल साइंस और बीए (ऑनर्स) इकोनॉमिक्स जैसे कोर्सों में कटऑफ क्रमश: 97.5 और 98 फीसदी थी।

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