बीबीएन में धान की खरीद न होने से बढ़ी किसानों की चिंता

हिमाचल प्रदेश। धान खरीद केंद्र की व्यवस्था न होने से बीबीएन के किसानों की फसल खराब हो रही है। किसानों का कहना है कि एफसीआई ने नालागढ़ में 15 अक्टूबर तक धान की खरीद करने का आश्वासन दिया है। कई किसानों ने हाइब्रिड धान लगाया था, वह पंद्रह दिन पहले ही तैयार हो गया है। इसे बेचने के लिए किसान भटक रहे हैं। धान खेतों में ही काला पड़ने लगा है। नालागढ़ में चार हजार हेक्टेयर जमीन पर धान की फसल होती है। इस वर्ष पंजाब की मंडियों में हिमाचल के किसानों का धान नहीं लिया जा रहा है। सीआई नालागढ़ में ही खरीद केंद्र खोलकर धान लेगी, लेकिन अभी इसकी खरीद शुरू नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि 15 अक्टूबर के बाद किसानों का धान लिया जाएगा, लेकिन जिन किसानों ने धान की फसल जल्द लगा दी थी और जिन किसानों ने हाइब्रिड धान लगाया था, उनकी फसल काफी पहले तैयार हो गई है। डूमनवाला के किसान अमरचंद ठाकुर ने बताया कि कोरोना के चलते इस वर्ष धान लगाना और इकट्ठा करना काफी मंहगे रहे। किसानों ने साढ़े चार हजार रुपये प्रति हेक्टेयर धान लगाने के लिए मजदूरी दी। कई बार बार स्प्रे और पानी लगाने के बाद धान तैयार किया। अब धान की कटाई भी 6500 रुपये प्रति हेक्टेयर देनी पड़ रही है। अब धान पक गया है, तो खरीदने की कोई व्यवस्था नहीं है। सनेड़ के किसान देवराज चौधरी ने बताया कि जिन किसानों ने धान की अगेती फसल लगाई थी, उन्हें बेचने में दिक्कत आ रही है, लेकिन एफसीआई ने पोर्टल पर बुकिंग करनी शुरू कर दी है। 15 अक्टूबर तक धान की खरीद शुरू कर दी जाएगी। उधर, कृषि विभाग के उपनिदेशक राजेश कौशिक ने बताया कि एफसीआई जल्द नालागढ़ में किसानों धान से खरीदेगी। इस बार नालागढ़ की अनाज मंडी में ही धान की खरीद की जाएगी।

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