बंद हुई गंग नहर…

उत्तराखंड। हरिद्वार से कानपुर तक सिंचाई करने वाली गंग नहर विजयदशमी की मध्य रात्रि से बंद हो गई है। नहर में दीपावली की रात चार नवंबर को पानी छोड़ा जाएगा। नहर बंद होने से हरकी पैड़ी का जलस्तर एक से डेढ़ फीट रह गया है। इससे श्रद्धालुओं को अब डुबकी की जगह आचमन से छींटे डालकर स्नान करना पड़ेगा। नहर बंद होने से हरकी पैड़ी पर शनिवार को बच्चे सिक्के ढूंढते दिखे। करीब 20 दिन तक नहर बंद रहने से उसकी सफाई और मरम्मत कार्य किया जाएगा। हरिद्वार स्थित भीमगोड़ा के पास गंगा नदी पर यूपी सिंचाई विभाग का बैराज बना है। बैराज से पानी गंग नहर में छोड़ा जाता है। गंग नहर कानपुर तक जाती है। नहर से यूपी के कई जिलों में सिंचाई और पावर हाउस का संचालन होता है। बीते साल कुंभ के चलते नहर एक महीने तक बंद रही थी, लेकिन इस बार 20 दिन ही बंद होगी। नहर में अब चार नवंबर की मध्य रात्रि से पानी छोड़ा जाएगा। दीपावली तक यूपी में सिंचाई बाधित रहेगी। यूपी सिंचाई विभाग के एसओडी शिव कुमार कौशिक के मुताबिक नहर बंद रहने के दौरान पानी गंगा में छोड़ा जाएगा। तीन सप्ताह तक गंग नहर से बंद रहने से मेरठ और दिल्ली में पेयजल की आपूर्ति भी बाधित रहेगी। भोला झाल से मेरठ के लिए और मुरादनगर से नई दिल्ली के लिए पेयजल की आपूर्ति गंग नहर से ही होती है। वहीं वीकेंड होने से शनिवार को अच्छी संख्या में भक्त और पर्यटक हरिद्वार पहुंचे, लेकिन हरकी पैड़ी पर कम पानी होने से उन्हें निराश होना पड़। यह प्रक्रिया यूपी सिचाई विभाग द्वारा हर साल की जाती है। अंग्रेजों के समय से हर साल दशहरे से दीपावली तक हरकी पैड़ी और गंग नहर से पानी का रुख मोड़ दिया जाता है।

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