आतंकियों और उनके आकाओं पर नकेल कसने का फूलप्रूफ ब्लूप्रिंट तैयार…

जम्मू-कश्मीर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने दौरे में जम्मू-कश्मीर में शांति और दहशतगर्दी को समाप्त करने के लिए युवाओं और चुने हुए जनप्रतिनिधियों पर दांव खेला है। उन्होंने साफ संदेश दिया कि यदि ये लोग उठ खड़े हुए तो आतंकवाद का नामोनिशान मिट जाएगा। बेखौफ होकर दहशतगर्दों व दहशतगर्दी का मुकाबला करने के लिए आगे आने को भी कहा है। विश्लेषकों का मानना है कि केंद्रीय गृह मंत्री ने बॉर्डर की सुरक्षा, घुसपैठ रोकने और आतंकियों व उनके आकाओं पर नकेल कसने का फूलप्रूफ ब्लूप्रिंट तैयार किया। इसके तहत अब आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बल कहर बनकर टूटेंगे। इंटेलिजेंस ग्रिड भी मजबूत किया जाएगा। घाटी में सुरक्षा की कमान संभाल रहे सीआरपीएफ और अंतर्राष्ट्रीय सीमा की रक्षा में जुटे बीएसएफ जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए उनके साथ समय बिताया, ताकि जवानों को लगे कि सरकार उनके साथ खड़ी है। दोनों ही मौकों पर उन्होंने जवानों को विषम परिस्थितियों में ड्यूटी करने के लिए बधाई दी। उन्हें यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि उनकी और उनके परिवार की चिंता करना केंद्र सरकार का दायित्व है। अर्द्धसैनिक बलों के लिए आयुष्मान योजना के दो कार्ड जारी किए जाने की वकालत कर उन्होंने देशभर के लाखों जवानों व उनके परिवारवालों का दिल जीतने की कोशिश की।विश्लेषकों के अनुसार विकास और रोजगार से नाता जोड़कर उन्होंने युवाओं का दिल जीतने की कोशिश की है। भारी भरकम औद्योगिक निवेश के साथ ही पांच लाख रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाने का भरोसा दिलाकर युवाओं को सकारात्मक दिशा देने की कोशिश की। जम्मू और श्रीनगर दोनों ही जगह आयोजित कार्यक्रम में युवा, दहशतगर्दी व विकास केंद्र बिंदु में रहे। विश्लेषकों का कहना है कि उन्होंने कश्मीर केंद्रित नेकां और पीडीपी का नाम लिए बगैर हमले करते हुए इन्हें जम्मू-कश्मीर की बर्बादी के लिए जिम्मेदार ठहराया। जम्मू के साथ भेदभाव न होने का मुद्दा उठाकर उन्होंने भाजपा को बढ़त दिलाने की कोशिश की।

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