आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में रोगों का है संपूर्ण इलाज: स्वास्थ्य मंत्री

नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि भारतीय चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेद और यूनानी में संपूर्ण रोगों का संपूर्ण इलाज करने की क्षमता है। इन पद्धतियों के चिकित्सकों को बेहद आवश्यक होने पर ही इंटीग्रेटेड मॉडल से इलाज करना चाहिए। इसकी बजाय उन्हें अपनी चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से ही रोगियों के संपूर्ण इलाज करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा करके वे यूनानी और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियों के प्रति आम जनता की विश्वसनीयता में वृद्धि कर पाएंगे और आयुर्वेद अपना उचित स्थान प्राप्त कर सकेगा। आईएसएम डॉक्टर्स सेल एवं इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (आयुष) द्वारा रविवार को संयुक्त रूप से धनवंतरी जयंती एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि आयुर्वेद और यूनानी पद्धतियों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। जैन ने इन चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सकों को अपनी पद्धति में महारत हासिल करने की सलाह देते हुए कहा कि इमरजेंसी में ही वे इंटीग्रेटेड प्रैक्टिस करें। उपस्थित चिकित्सकों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है और इस संबंध में सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में एफिडेविट पहले ही दिया जा चुका है। इस अवसर पर पैरामेडिकल बोर्ड की एग्जामिनिंग बाडी के अध्यक्ष डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल और चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वैदिक चरक संस्थान की सलाहकार समिति के सदस्य डॉ अशोक शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। पैरामेडिकल बोर्ड की एग्जामिनिंग बॉडी की चेयरमैन डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में तिब्बिया कॉलेज व चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक संस्थान में विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के इंटीग्रेशन की सहायता से हजारों मरीजों को स्वास्थ्य लाभ हुआ और भविष्य में सरकार का यह कदम चिकित्सा क्षेत्र में दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। डॉ अशोक शर्मा ने विभिन्न आयुष संस्थानों में चिकित्सकों के नए पद सृजित कर रोजगार मुहैया कराने की सलाह दी।

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