उत्तराखंड। दिवाली पर भगवान केदारनाथ के मंदिर को 15 कुंतल गेंदे और अन्य फूलों से सजाया गया है। केदारनाथ मंदिर के कपाट छह नवंबर को बंद हो रहे हैं। इससे पहले देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारी मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर कर रहे हैं। मंदिर के चारों तरफ फूल मालाएं लगाई गई हैं। मंदिर के द्वार पर फूल मालाओं के साथ पीपल व आम की पत्तियों के बंदनवार लगाए गए हैं। इससे मंदिर और भव्य लग रहा है। केदारनाथ में मौजूद यात्रा प्रभारी युद्धवीर सिंह पुष्पवाण ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए मंदिर को फूल-मालाओं से सजाया गया है। इसके लिए ऋषिकेश से 15 क्विंटल फूल मंगाए गए हैं। महालक्ष्मी पूजन पर मंदिर परिसर में दीपोत्सव किया जाएगा। मंदिर के चारों तरफ घी के दिए जलाए जाएंगे। साथ ही चबूतरे से मंदिर परिसर व मंदिर तक भी रंग-बिरंगी रोशनी की जाएगी। पांच नवंबर को केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण में सबसे खास आदिगुरु शंकराचार्य समाधि स्थल के पुनर्निर्माण के लोकार्पण के साथ ही मूर्ति का अनावरण भी करेंगे।केदारनाथ में मंदिर के पीछे मंदाकिनी नदी किनारे आदिगुरु शंकराचार्य की कुटीर (समाधि स्थल) का निर्माण किया गया है। नवंबर 2019 में तीन चरणों में यह कार्य शुरू किया गया था। दो चरण का काम पूरा हो चुका है। कार्यदायी संस्था वुड स्टोन कंपनी के टीम प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि समाधि का निर्माण 36 मीटर गोलाकार में किया गया है जिसकी गहराई छह मीटर है।अब, समाधि तक प्रवेश व निकासी के लिए अलग-अलग 3 मीटर चौड़े व 40 मीटर लंबे दो रास्तों का निर्माण किया जाना है। गौरतलब है कि 2013 की आपदा में केदारनाथ में आदिगुरु शंकराचार्य का समाधिस्थल और उनकी मूर्ति मंदाकिनी नदी के सैलाब में तबाह हो गई थी। केदारनाथ में बाबा के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को अब ठंडा और गर्म पानी मिल सकेगा। पुनर्निर्माण कार्यों के तहत यहां वाटर एटीएम स्थापित किया जा रहा है जिसमें गर्म व ठंडे पानी की सप्लाई की सुविधा है। साथ ही केदारनाथ में स्थायी पेयजल लाइन बिछाई जा रही है। साथ ही तीन लाख लीटर पानी के भंडारण की क्षमता का टैंक बनकर तैयार हो गया है। अधिकारियों के अनुसार वाटर एटीएम से एक घंटे में 500 लीटर व एक दिन में 12 हजार लीटर शुद्ध जलापूर्ति होगी। एक वाटर एटीएम की लागत 85 लाख रुपये है।