नई दिल्ली। भारतीय नौसेना अपनी निगरानी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि के लिए एक खास योजना बनाने की तैयारी में है। वह पूरे जोर शोर से नई तकनीक हासिल करने पर ध्यान दे रही है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रयासों को देखते हुए भारतीय नौसेना अगले कुछ वर्षों में अपनी निगरानी क्षमता में और वृद्धि करेगी और इसकी तैयारी उसने शुरू कर दी है। नौसेना मानवरहित यान और पानी के नीचे चलने वाले प्लेटफॉर्म हासिल करने की योजना बनाई है। इससे संबंधित जानकारी रखने वाले लोगों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को यह बात बताई है। जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि इसकी खरीद मानवरहित प्लेटफॉर्म संबंधी रोडमैप के तहत की जाएगी, जिसे पिछले महीने नौसेना के शीर्ष कमांडरों के एक सम्मेलन में अंतिम रूप दिया गया था। उक्त सम्मेलन में आधुनिक युग के प्लेटफॉर्म की खरीद की आवश्यकता पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया था। वहीं, दूसरे व्यक्ति ने कहा, ‘हिंद महासागर क्षेत्र में घटनाक्रम को देखते हुए इसका मुख्य जोर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जलमार्गों में निगरानी बढ़ाने पर होगा। उन्होंने कहा कि मानवरहित प्लेटफॉर्म के लिए रोडमैप के साथ, तीसरे विमानवाहक पोत को इस तरह से डिजाइन किया जाना है कि जिससे कि उस पर लड़ाकू विमानों और ड्रोन के एक बेड़े, दोनों को समायोजित किया जा सके। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध और जम्मू वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बल सशस्त्र ड्रोन सहित मानवरहित प्लेटफॉर्म की खरीद पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। संबंधित लोगों ने कहा कि भारतीय नौसेना अमेरिका से 30 बहुउद्देश्यीय सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर भी जोर दे रही है, जिस पर लगभग 22,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अगले साल मार्च तक सौदे को मंजूरी दे सकती है।