नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नमामि गंगे परियोजना की कार्य योजना के क्रियान्वयन की प्रगति निगरानी के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को निर्देश दिया है। वाराणसी में वरुणा और अस्सी नदी में प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान एनजीटी ने यह कार्रवाई की। याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने कहा है कि यह दोनों गंगा की सहायक नदियां हैं और इन्हें प्रदूषणमुक्त किए बिना गंगा की सफाई नहीं की जा सकती। वाराणसी में गंगा जल की गुणवत्ता काफी खराब है। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एनजीटी पीठ ने कहा कि प्रस्तावित परियोजना की फंडिंग के मुद्दे पर एनएमसीजी व यूपी के मुख्य सचिव काम कर सकते हैं। नमामि गंगे में जहां भी पैसों की कमी आए तो उसे दूर करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी।