उत्तराखंड। कोरोनाकाल में ट्रेनों पर स्पेशल ट्रेनों का किराया तीन गुना तक हो गया था। अब ट्रेनों से स्पेशल टैग हट गया और ट्रेनें पुराने नंबर से ही संचालित हो गई हैं। हरिद्वार से संचालित होने वाली 34 जोड़ी ट्रेनों के पुराने व नए नंबर जारी किए गए हैं। जिससे रेल यात्रियों को 30 फीसदी किराया कम देना होगा। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद रेलवे ने नियमित ट्रेनों को चलाना बंद कर दिया था। उसके स्थान पर नियमित ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन बनाकर चलाना शुरू कर दिया था। पुराने ट्रेन के नंबर के आगे से एक या दो हटाकर शून्य कर दिया था। इससे यात्रियों को 15 से 30 फीसदी तक अधिक किराया देना पड़ रहा था। अब कोरोना संक्रमण का असर कम होने के बाद रेल प्रशासन 15 नवंबर से नियमित स्पेशल ट्रेनों का धीरे-धीरे नंबर बदलने का काम कर रहा है। जिस ट्रेन के नंबर से शून्य हटाया जा रहा है, उस ट्रेन का किराया 30 फीसदी तक कम हो जाता है। कोरोना काल में ट्रेनों का किराया कम होने से रेलवे की आमदनी 80 फीसदी तक कम हो गई थी। लेकिन पिछले सप्ताह से किराए में 30 फीसदी कमी कर दी गई है। इससे ट्रेनों में फिर से यात्रियों की भीड़ जुटना शुरू हो गई है। कोरोना संक्रमण के कारण स्पेशल टैग से ट्रेनों को संचालित करने से हरिद्वार से मुरादाबाद जाने के लिए अब स्लीपर का किराया 145 रुपये देना होगा। जबकि थर्ड थ्री का किराया 505 व सेकेंड एसी का किराया 710 रुपये हो गया है। जबकि शून्य का टैग लगने के दौरान हरिद्वार से मुरादाबाद का स्लीपर का किराया 188 रुपये, थर्ड एसी का 655 रुपये व सेकेंड एसी का किराया 920 रुपये था। स्पेशल बनकर संचालित होने वाली ट्रेनें दोबारा अपने पुराने नाम व नंबर से पहचानी जाएंगी। इनके आगे लगा शून्य हटा दिया गया है। यात्रियों की जानकारी के लिए हरिद्वार से संचालित होने वाली 34 जोड़ी ट्रेनों के पुराने व नए नंबर जारी किए गए हैं। रेलवे मुख्यालय के आदेश के बाद जीरो का टैग ट्रेनों से हटाया गया है। इसके साथ ही किराए में भी 30 फीसदी की कमी हुई है।