नई दिल्ली। भारत व चीन के मौजूदा रिश्तों को लेकर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने खरी-खरी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि कई दौर की वार्ताओं के बाद भी कई मसले लंबित हैं। जब तक उनका निराकरण नहीं होगा, चीन के साथ रिश्ते सामान्य नहीं होंगे। हमें चीन के आक्रामक रवैये से निपटना होगा। सीमा मुद्दे पर आईसीसी के वार्षिक सत्र और एजीएम में विदेश सचिव श्रृंगला ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले साल चीन ने पूर्वी लद्दाख में आक्रामक रवैया अपनाए रखा। हमारी सीमा में घुसने का प्रयास किया, यह शांति व सुरक्षा के अनुकूल नहीं था। विदेश सचिव ने आगे कहा कि 1988 में चीन के साथ हमने संबंधों को बहाल किया था। हमारा उद्देश्य व्यापार, वाणिज्यिक, वैज्ञानिक और तकनीकी संबंधों और दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संपर्क की अनुमति देना था। लेकिन पिछले साल पूर्वी लद्दाख में चीन ने जो आक्रामकता अपनाई वह शांति और सुरक्षा के लिए अनुकूल नहीं थी। इसलिए हम सामान्य संबंध नहीं बना पाए। विदेश सचिव ने कहा कि चीन के साथ कई दौर की वार्ताओं के बावजूद हमारे कुछ मसलों का हल बकाया है, इसलिए स्पष्ट रूप से चीन के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं। जब तक सभी मसले नहीं होंगे, रिश्ते सामान्य नहीं होंगे।