हिमाचल में फर्जी डिग्रियों का रुकेगा खेल…
हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश में फर्जी डिग्रियों का खेल अब नहीं चलेगा। मानव भारती विश्वविद्यालय में सामने आए फर्जी डिग्री मामले के बाद निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने सभी निजी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करने का फैसला लिया है। इसके लिए आयोग ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है। अगले वर्ष से निजी विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था शुरू की जाएगी। चालू शैक्षणिक सत्र के लिए आयोग ने सभी निजी विश्वविद्यालयों को पत्र जारी कर दीक्षांत समारोह करने से पहले डिग्रियों का सत्यापन आयोग से करवाना अनिवार्य कर दिया है। बुधवार को आयोग के शिमला कार्यालय में प्रेस वार्ता में अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि मानव भारती विवि के फर्जी डिग्री मामले से प्रदेश की साख खराब हुई है। अब आयोग ने सभी विद्यार्थियों को यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर देने का फैसला लिया है। जल्द ही आयोग ऑनलाइन मैनेजमेंट सिस्टम शुरू करेगा। इसके लिए भारत सरकार की एक कंपनी को चुना गया है। इस सिस्टम के जरिये निजी विश्वविद्यालयों की हर गतिविधि पर आयोग की नजर रहेगी। दाखिलों, हाजिरी, डिग्रियों, शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता, आधारभूत ढांचे से जुड़ी जानकारी पोर्टल पर रहेगी। प्रदेश के 16 में से छह निजी विश्वविद्यालय नैक से मान्यता प्राप्त हैं। तीन विवि जल्द ही नैक की मान्यता प्राप्त करने वाले हैं।