कड़ाके की ठंड से बर्फ में तब्दील हुए झरने…
उत्तराखंड। दिसंबर महीने की शुरुआत होते ही सर्दी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। बुधवार को प्रदेशभर में मौसम का मिजाज बदला और बादल छाए रहे। पिछले दिनों के मुकाबले बुधवार को अधिकतम तापमान दो डिग्री गिर गया। जिससे मौसम में ठंड बढ़ गई। दोपहर में थोड़ी देर को गुनगुनी धूप निकली लेकिन इसके बाद फिर से बादल छा गए। वहीं चमोली जनपद में दिनभर मौसम खराब रहा। जिससे कड़ाके की ठंड बढ़ गई है। ठंड से बचने के लिए दिनभर लोग अपने घरों में दुबके रहे। मौसम खराब होने से नीती घाटी में बहने वाले झरने व गाड़-गदेरे बर्फ में तब्दील हो गए हैं। माणा घाटी में भी नाले जम गए हैं। नीती घाटी में ऋषिगंगा भी पूरी तरह से जम गई है। मंगला कोठियाल का कहना है कि बारिश और बर्फबारी न होने से कोरी ठंड पड़ रही है। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। जोशीमठ के साथ ही पोखरी, घाट, गैरसैंण, थराली, देवाल, कर्णप्रयाग, गौचर, पीपलकोटी और निजमुला घाटी में भी सुबह और शाम को शीतलहर चल रही है। यही हाल केदारघाटी और यमुनाघाटी में भी बना हुआ है। मौसम विभाग ने एक दिसंबर से तीन दिसंबर तक पर्वतीय जिलों में हल्की बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की चेतावनी जारी की है। इससे ठंड बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार कुमाऊं और गढ़वाल के कुछ जिलों में आज हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है।वहीं मैदानी इलाकों में भी ठंड के चलते लोग अपने घरों में ही कैद होने को मजबूर हो गए हैं। केवल कामकाजी लोग ही अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। ठंड से बचने के लिए लोग हीटर, अलाव और चाय की चुस्कियों का सहारा ले रहे हैं। ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती, तपोवन के गंगा घाट और तटों पर सैलानियों की चहलकदमी भी कम थी। लक्ष्मणझूला रोड पर चंद्रभागा पुल से लेकर तपोवन तक सड़क पर गिने चुने वाहन ही नजर आ रहे थे। बाजारों में लोग ठंड को दूर करने के लिए मूंगफली, पकोड़े और चाय का लुत्फ उठाते हुए देखा गया। इस तरह का बदलता मौसम सेहत के लिए भी बेहद हानिकारक हो सकता है। हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण सांस के रोगियों को ज्यादा समस्या हो सकती है। ऐसे में मार्निंग वॉक के लिए निकलते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। बच्चों और बुजुर्गों के साथ अस्वस्थ लोग ऐसे बिगड़े मौसम में ज्यादा सावधानी बरतें।