हिमाचल में मिलकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देंगे आईआईटी मंडी और एम्स बिलासपुर

हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर सूबे में आधुनिक और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देगा। पांच दिसंबर को एम्स के शुभारंभ से पहले दोनों बड़े संस्थानों में शोध और शैक्षिक कार्यों के लिए आईआईटी मंडी में सहयोग करार (एमओयू) हुआ। शोध से लेकर चिकित्सा उपकरणों, तकनीकी अधोसरंचना के विकास के लिए मिलकर काम होगा। संयुक्त शोध परियोजनाओं के साथ भविष्य में अल्पकालिक शिक्षा कार्यक्रमों का संचालन की रूपरेखा भी संयुक्त रूप से बनेगी। चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, कार्यशाला, सेमिनार, शिक्षा और शोध कार्यक्रमों से संबद्ध शिक्षा और अन्य पाठ्य सामग्रियों की जानकारी का आदान-प्रदान भी किया जाएगा। एमओयू पर आईआईटी के निदेशक प्रो. अजीत चतुर्वेदी, निदेशक एम्स डॉ. वीर सिंह नेगी, डीन (एसआरआईसी) आईआईटी डॉ. वेंकटकृष्णन ने हस्ताक्षर किए। बैठक में उप चिकित्सा अधीक्षक, एम्स बिलासपुर डॉ. विक्रांत कंवर भी मौजूद रहे। बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में 250 एकड़ भूमि पर लगभग 1500 करोड़ से एम्स का निर्माण किया जा रहा है। पांच दिसंबर को एम्स का शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया करेंगे। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मुख्यातिथि होंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे। सहयोग करार के तहत संयुक्त शोध और शैक्षिक गतिविधियों में चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित विभिन्न डोमेन के अहम कार्य होंगे। इनमें मेडिकल इमेजिंग, डिजिटल पैथोलॉजी, प्वाइंट ऑफ केयर टेस्टिंग डिवाइस, बायो इन्फॉर्मेटिक्स, एंडोक्राइनोलॉजी, बायोमैटिरियल्स, टेलीमेडिसिन आदि शामिल होंगे।

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