नई दिल्ली। अदालत के आदेशों को तेजी से और सुरक्षित रूप से आग बढ़ाने के लिए मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर लॉन्च किया जिससे न्यायिक आदेशों को तेजी से पहुंचाया जा सकता है। फास्ट एंड सिक्योर्ड ट्रांसमिशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स (FASTER) सॉफ्टवेयर के ऑनलाइन लॉन्च के मौके पर सीजेआई रमना, जस्टिस एएम खानविलकर, डी.वाई. चंद्रचूड़, हेमंत गुप्ता, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश मौजूद रहें।
सीजेआई ने कहा कि न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों को किसी तीसरे पक्ष के बिना और भी सुरक्षित रूप से प्रसारित किया जाना है। हमने हाई कोर्ट स्तर पर 73 नोडल अधिकारियों और न्यायिक संचार नेटवर्क के माध्यम से चयनित जेल अधिकारियों को नामित किया है। इसके लिए एक सुरक्षित पाथवे ईमेल आईडी स्थापित की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि पुरे देश भर में नोडल अधिकारियों की कुल 1,887 ईमेल आईडी हैं। फास्टर (FASTER) जमानत आदेशों को तेजी पहुंचाएगा और प्रमाणीकरण के उद्देश्य से इसमें सुप्रीम कोर्ट अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर होंगे। संचार ईमेल आईडी धारकों तक ही सीमित है जो गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है। आरोपियों को जमानत देने के बाद भी न्यायिक आदेशों की गैर-प्राप्ति या गैर-सत्यापन जैसे आधारों पर उनकी रिहाई में देरी का सीजेआई रमना की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा स्वत: संज्ञान लेने के बाद फास्टर अस्तित्व में आया है।
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