आस्था। 30 अप्रैल को हिंदू पंचांग के मुताबिक शनिश्चरी अमावस्या के साथ-साथ सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है, पर सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा जिसके कारण सूतक काल भी नहीं लगेगा। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण का असर इन तीन राशियों पर अधिक पड़ सकता है।
आपको बता दें कि शनिश्चरी अमावस्या तड़के 12 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 1 मई को 1 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं सूर्य ग्रहण भी 30 अप्रैल को ही रात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा।
सूर्य ग्रहण का असर मेष, कर्क और कुंभ राशियों पर पड़ेगा। पर सबसे अधिक असर मेष राशि के जातकों पर पड़ने वाला है। ऐसे में इस राशि के जातकों को तनाव का सामना करना पड़ सकता है जिससे जातकों को अपनी आर्थिक स्थिति और और वाणी पर पूरा ध्यान देना होगा।
कर्क राशि के जातकों को किसी अनजानी बात का भय सताता रहेगा। वहीं कुंभ राशि के जातकों पर शनि का प्रभाव रहेगा। कुंभ राशि के जातकों संभलकर चलने की जरुरत है।