लखनऊ। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच वाराणसी में हुई वार्ता के बाद कई संभावनाए बढ़ कर आई है।
गन्ना अनुसंधान एवं तकनीकी के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और मॉरीशस के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया गया है। यह एक सार्थक पहल है। मॉरीशस की अर्थव्यवस्था का मूल आधार चीनी है और इस क्षेत्र में दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने की योजना बहुत ही बेहतरीन और सकारात्मक संकेत है। भारतीय कारोबारियों को मॉरीशस में निवेश के लिए एक प्रकार से आमंत्रण भी मिला है।
एथेनाल की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गन्ना से एथेनाल बनाकर डीजल और पेट्रोल में मिलाया जा सकता है। इससे डीजल और पेट्रोल की मांग पूरी करने के साथ-साथ इसके आयात को भी कम किया जा सकता है। मॉरीशस के पास एथेनाल बनाने की उच्च कोटि की तकनीकी है। उत्तर प्रदेश में 119 चीनी की मिले हैं जो कोरोना काल में भी बंद नहीं हुई। ऐसे में मॉरीशस की तकनीकी जानकारियों का आदान-प्रदान मील का पत्थर साबित होगा।
मॉरीशस के विकास में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर सकता है। इस समय भारत विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहा है। यहां पर्यटन के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में भी निवेश की भारी संभावनाएं हैं। भारत टूरिज्म के लिए भी जाना जाता हैं। यहां के पर्यटक स्थल सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है। मॉरीशस से पर्यटकों को भी बुलावा भेजा गया है। आपसी सहयोग और सहमति से विकसित हो रहे व्यापारिक संबंध दोनों देशों के आर्थिक हित में है। इसमें आगे वृद्धि की संभावनाएं और प्रबल दिखाई दे रही हैं। एक साथ मिल कर काम करने की जरूरत दोनों ही देशों को है।