नई दिल्ली। पूरी दुनिया के सामने आगे के दिनों में ग्लोबल वार्मिंग की जो समस्या आ रही है उससे निबटने के लिए अभी से सार्थक प्रयास होना ही चाहिए। इससे बचाव के लिए प्रकृति से कम छेड़छाड़ के साथ ही हरियाली पर जोर देना होगा।
कार्डिफ यूनिवर्सिटी के मार्क ओ. कथबर्ट के नेतृत्व में फरवरी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि विस्तारित पार्कलैंड के बीच हरियाली लगाने के साथ छतों और दीवारों को हरा-भरा करने से या तो बाढ़ को कम किया जा सकता है या गर्मी को कम किया जा सकता है, लेकिन यह दोनों एक शहर में नहीं हो सकता।
शोध दल को उम्मींद है कि शहरी हरियाली के लाभ सूखे क्षेत्रों में कम होंगे, जहां धूपसे भरपूर ऊर्जा होती है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के शहरों की तरह वर्षा अधिक सीमित होती है। इन स्थानों में हरे-भरे स्थानों का विस्तार करना अब भी सार्थक है।
संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के दौरान सुझाव दिया गया कि अफ्रीका दुनिया के अन्य क्षेत्रों की तुलना में तेजी से गर्म हो रहा है। केन्या में आगा खान विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर का कहना है कि वर्ष 2030 तक 11 करोड़ 80 लाख अत्यधिक गरीब लोग सूखे और भीषण गर्मी के विनाशकारी प्रभावों की गिरफ्त में होंगे।
गर्म वातावरण के अनुकूल होने के लिए महाद्वीप को तत्काल वित्तीय और तकनीकी सहायता की आवश्यकता है। नाटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में इंटेलिजेंट इंजीनियरिंग सिस्टम के प्रोफेसर अमीन अल-हबेबेह ने उन तरीकों का अध्ययन किया है, जिन्होंने फारस की खाड़ी में सदियों से लोगों को ठंडा रखने में मदद की है।
यहां चूना पत्थर और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों से बने घर नमी होने पर नमी को अवशोषित करते हैं और गर्म और धूप वाले दिनों में वाष्पीकरण के माध्यम से इसे छोड़ते हैं। यह थोड़ा ठंडा प्रभाव प्रदान करता है। एक अध्ययन में बताया गया है कि वर्ष 1991 के बाद से अत्यधिक गर्मी के कारण होने वाली तीन मौतों में से एक को जलवायु परिवर्तन से जोड़ा जा सकता है।
ऐसे करें गर्मी से बचाव- आप यदि अपने आपको प्रचंड गर्मी में पाते हैं, तो आप सुरक्षित रहने के लिए बिल्कुल शांत रहें। यदि घर के अंदर है, अपने पैरों को ठंडे पानी से धोते रहें या शावर लें। जिस तरफ धूप न हो उस तरफ के पर्दे बंद कर दें और खिड़कियां खोल दें।
अन्य उपाय जो पूरे भवनमें हवाका प्रवाह बनाये रखते हैं, उनमें दरवाजे खोलना और पंखे चालू करना शामिल हैं। हाइड्रेटेड रहना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हीटवेव के दौरान पसीने के कारण बहुत-सा पानी आपके शरीर से निकल जाता है।
आप बार-बार पानी पीते रहें, सामान्य तौर पर जितना पीते हैं, उससे ज्यादा, तब भी जब आपको प्यास न लगे। उन लोगों पर ध्यान देते रहें, जिन्हें अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो सकती है। 65 वर्षसे अधिक आयु के लोग, गर्भवती महिलाओं, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बीमार लोगों का विशेष ख्याल रखें।
ये सभी समूह गर्मी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच सीधी धूप में रहने से भी बचना चाहिए। इस समय सूर्य अपने सबसे प्रचंड रूप में होता है।