टोक्यो। जापान की राजधानी टोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन में समूह के अन्य सभी सदस्य देशों अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान के राष्ट्राध्यक्षों ने एक सत्र में कोविड महामारी के दौरान भारत की भूमिका, सहयोग और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की एक स्वर से प्रशंसा की। यह हमारे देश के लिए यह अत्यन्त ही गर्व की बात है। सम्मेलन स्थल पर मोदी की खूब प्रशंसा हुई। निःसन्देह यह रोमांचका क्षण था।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने महामारी काल में लोकतांत्रिक तरीके से सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा में यहां तक कह दिया कि ‘भारत सफल और चीन विफल रहा। प्रधान मंत्री मोदी की सफलता ने दुनिया को दिखा दिया कि लोकतंत्र में कुछ भी सम्भव है। यह मिथक भी टूट गया कि चीन और रूस जैसे निरंकुश देश तेजी से बदलती दुनिया को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं, क्योंकि उनका नेतृत्व लम्बी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से गुजरे बिना निर्णय ले सकता है।
आस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीज का यह कथन भी वास्तविकता को दर्शाता है कि भारत की ओर से अन्य देशों को आपूर्ति किये गये टीकों से जमीनी स्तर पर फर्क पड़ा है। मेजबान जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने भारत के योगदान की सराहना की और कहा कि भारत निर्मित टीकों को हाल में ही थाईलैण्ड और कम्बोडिया ने भी क्वाड की पहल पर प्राप्त किया। प्रधानमंत्री मोदी की वैक्सीन डिप्लोमैसी की तारीफ अब पूरी दुनिया कर रही है।
निःसन्देह वैश्विक महामारी से निबटने में भारत ने जो रणनीति बनायी वह पूरी तरह से सफल रही। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से मानवता की सेवा के लिए जो कुछ कार्य किया गया वह देश की परम्परा और संस्कार का जीवन्त दृष्टान्त है। क्वाड शिखर सम्मेलन में वैसे तो अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई और इस सम्मेलन की सफलता चीन को एक बड़ा सन्देश भी है, जिसने एक दिन पूर्व ही सम्मेलन की विफलता की भविष्यवाणी की थी। चीन का यह अहंकार ही कहा जायगा। क्वाड के सदस्य देशों ने जो कार्य किया है वह प्रशंसनीय है और इससे आपसी सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा।