नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार नईं उंचाईयों को छू रहा है। रक्षा क्षेत्र में भारत नए प्रयोग कर रहा है। इसी क्रम में भारत एक बड़ी कामयाबी की तरफ बढ़ रहा है। डीआरडीओ ने बताया कि वह अस्त्र मिसाइल के दूसरे और तीसरे संस्करण को विकसित करने जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, डीआरडीओ के वैज्ञानिक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल MK-1 और MK-2 को विकसित करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। आपको इसकी ताकत जानकर हैरानी होगी।
यह अस्त्र मिसाइल दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए ब्रह्मास्त्र माने जा रहे हैं। बता दें कि ये मिसाइल बेयॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल हैं। अर्थात्, इसकी मारक क्षमता वहां तक है जहां पायलट की नजर नहीं जा सकती।
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस मिसाइल के ऊपर शत्रु देश के रडार भी काम नहीं करेंगे। ये रडार को भी चकमा देने में भी माहिर है। सबसे बड़ी बात MK-1 मिसाइल 160 किमी की दूरी पर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है तो वहीं MK-2 मिसाइल लगभग 300 किमी तक अचूक निशाना लगा सकती है।
इस मिसाइल की ताकत यह भी है कि यह अपने फाइटर जेट को स्टैंड ऑफ रेंज प्रदान करते हैं। स्टैंड ऑफ रेंज का मतलब होता है कि दुश्मन की तरफ मिसाइल फायर करके खुद उसके हमले से बचने का सही समय मिल जाए।