हेल्थ। 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी बीमारी है, जो संक्रमण, अल्कोहल के अधिक सेवन, कुछ खास दवाओं के अधिक उपयोग और दूषित खान पान से फैलती है। इस बीमारी में लिवर में सूजन आ जाती है। लिवर पर गंभीर प्रभाव पड़ने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। वैसे तो हेपेटाइटिस से बचाव और इलाज उपलब्ध है, लेकिन हेपेटाइटिस के शुरुआती लक्षण न के बराबर या नजर न आने के कारण खतरा बढ़ सकता है।
वायरस के आधार पर हेपेटाइटिस को पांच प्रकार में बांटा जाता है। जिसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई शामिल है। सबसे घातक हेपेटाइटिस बी को माना जाता है। हेपेटाइटिस बी से भारत में हर साल लाखों लोग की मौत हो जाती है। इस बीमारी में सबसे खतरनाक बात यह है कि इसके लक्षण आसानी से समझ में नहीं आते हैं। हेपेटाइटिस बी एक वायरल इंफेक्शन है जो सीधे लिवर को प्रभावित करता है। इस बीमारी से लिवर में सूजन की समस्या हो जाती है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से…
WHO के अध्ययन के अनुसार, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और थाइलैंड ने हेपेटाइटिस बी को कंट्रोल कर लिया है। लेकिन भारत में अभी यह बीमारी नहीं रुकी है। देश में इस बीमारी से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। इस बीमारी को रोकने के लिए 1982 से ही वैक्सीन मौजूद है। यह वैक्सीन 95 फीसदी तक इस बीमारी के खतरे को कम कर देती है।
हेपेटाइटिस बी के शुरुआती दौर में थकान, खुलकर भूख न लगना, उल्टी आना, पेट दर्द, सिर दर्द, आंखों में पीलापन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी से लिवर संक्रमित हो जाता है और लिवर में सूजन की समस्या हो जाती है। कुछ लोगों का लिवर काम करना एकदम बंद कर देता है जिससे मौत हो जाती है।
हेपेटाइटिस बी एक संक्रमित बीमारी है। यह वायरस इतने शक्तिशाली होते हैं जो आसानी से मरते नहीं हैं और बहुत तेजी से बढ़ते जाते हैं। इसके वायरस शरीर के बाहर भी महीनों जिंदा रह सकते हैं।