थकान और तनाव को दूर करता है गोमुखासन…

योग। योग समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में हमारे लिए सबसे सहायक उपाय है। शरीर को पोषण देने और अंगों की टोनिंग से लेकर शारीरिक मुद्रा को ठीक रखने और इसके कारण शरीर में होने वाली दर्द की समस्या से आराम दिलाने में दैनिक रूप से योगासनों के अभ्यास की आदत आपके लिए मददगार हो सकती है। योगासन शरीर में लचीलापन, रक्त प्रवाह और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के साथ मांसपेशियों को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाए रखने का साधन हो सकते हैं।
गोमुखासन योग ऐसा ही अभ्यास है जो शरीर को कई प्रकार के लाभ प्रदान करता है। योग विशेषज्ञों का मानना है कि बाजुओं, ट्राइसेप्स, कंधों और छाती की बेहतर स्ट्रेचिंग करने में इस योग के अभ्यास से लाभ पाया जा सकता है। यह आसन कंधों और कूल्हों पर बन रहे अतिरिक्त दबाव को कम करके आपको दर्द से राहत दिलाने में भी काफी सहायक होता है। आइए इससे होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

गोमुखासन योग करने के नियम-

किसी भी योग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरीके से अभ्यास करना बहुत आवश्यक माना जाता है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले क्रॉस लेग वाली मुद्रा में बैठ जाएं। इसमें अपने दाएं पैर को बाएं पैर की जांघों के ऊपर रखें। अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करें और कोहनी को पीठ के पीछे जितना अधिक हो सकता हैं ले जाएं। फिर बाईं कोहनी के पीछे की ओर लाकर दोनों हाथों को मिलाएं। इस स्थिति में कुछ देर रहें और गहरी सांस का अभ्यास करें। अब दोबारा पूर्व स्थिति में आ जाएं।

गोमुखासन योग से होने वाले लाभ-

योग विशेषज्ञ बताते हैं, गोमुखासन योग करने से शरीर और मन दोनों को कई प्रकार के लाभ मिल सकता है। इसका अभ्यास एक स्थान पर बैठकर आसानी से किया जा सकता है।

  • सायटिका की समस्या को ठीक करने में कारगर है।
  • हाई ब्लड प्रेशर का इलाज किया जा सकता है।
  • यौन प्रदर्शन को बढ़ावा मिलता है।
  • फ्रोजन शोल्डर और गर्दन में दर्द को ठीक करता है।
  • रीढ़ के लचीलेपन में सुधार करने के साथ गड़बड़ बॉडी पोश्चर में सुधार करता है।
  • चिंता और तनाव को कम करने वाला अभ्यास है।

गोमुखासन योग करते समय सावधानियां:-

वैसे तो गोमुखासन योग पूर्णत: सुरक्षित है और इससे शरीर को कई प्रकार से लाभ मिल सकता है। इसका सुबह के समय अभ्यास करना सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन योग अभ्यास के दौरान शरीर पर अधिक तनाव न डालें। जब तक आप सहज हों तब तक ही इस स्थिति में रहें। यदि आप कंधे, गर्दन, पीठ में दर्द का अनुभव करते हैं, तो कोई भी आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। इस योगासन से पीठ, कूल्हे, टखनों, कंधों, जांघों, ट्राइसेप्स और छाती की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *