योग। संपूर्ण शरीर के लिए कई योगाभ्यासों को बेहद फायदेमंद माना जाता रहा है- मयूरासन ऐसा ही एक अभ्यास है। शरीर की शक्ति को बढ़ाने के साथ मन को एकाग्र और केंद्रित बनाए रखने के लिए इस योगासन के अभ्यास से लाभ मिल सकता है।
मयूरासन पोज के अभ्यास के दौरान शरीर की मुद्रा मोर के आकार की रखनी होती है। इस योग को अपेक्षाकृत कठिन माना जाता है इसलिए किसी विशेषज्ञ से सलाह के आधार पर ही इसका अभ्यास किया जाना चाहिए। योग विशेषज्ञों के अनुसार मयूरासन का अभ्यास हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करने के साथ रक्त को शुद्ध करने और पेट की समस्याओं में लाभ दिलाने में कारगर माना जाता है। आइए जानते हैं कि मयूरासन योग शरीर के लिए किस प्रकार से लाभकारी है-
मयूरासन अभ्यास का तरीका:-
मयूरासन योग करने के लिए विशेष पारंगतता की आवश्यकता होती है। इसी कारण इसे किसी विशेषज्ञ की निगरानी में ही करना उचित माना जाता है। इस अभ्यास के लिए सबसे पहले दोनों हाथों को दोनों घुटने के बीच में रखें और कोहनियों को नाभि केंद्र के रखें। अब हाथों पर बराबर वजन देकर धीरे-धीरे पैरों को उठाएँ।
हाथ के पंजे और कोहनियों पर पूरा बल लगाते हुए सामने की ओर झुकें। इस स्थिति में दोनों पैर हवा में बने रहते हैं। कुछ देर तक इसी अवस्था में बने रहें और फिर पूर्ववत स्थिति में आ जाएं। योग के अभ्यास को धीरे-धीरे करने का प्रयास करें।
मयूरासन अभ्यास करने के लाभ:-
मयूरासन अभ्यास कई प्रकार से फायदेमंद होता है। कई गंभीर बीमारियों के लक्षणों को कम करने में भी इस योग के अभ्यास को कारगर माना गया है। यह अभ्यास कोर, छाती, बाहों, जांघों और कलाई को मजबूत करता है।
एक अध्ययन में पाया गया कि यह योगाभ्यास गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लेक्स की समस्याओं को कम करके पाचन को ठीक रखने में लाभ दे सकता है। सीने और पेट में दर्द, उल्टी, वजन घटाने और चिंता से पीड़ित लोगों के लिए मयूरासन का अभ्यास करना कई प्रकार से फायदेमंद होता है।
सावधानियां हैं जरूरी :-
कुछ स्थितियों में मयूरासन अभ्यास को लेकर विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह देते हैं-
- यदि आपको कलाई या कोहनी में चोट लगी है तो इस योग के अभ्यास से बचाव करना बहुत आवश्यक हो जाता है, क्योंकि इस योग मुद्रा के दौरान इन हिस्सों में अधिकतम दबाव का अनुभव होता है।
- गर्भवती महिलाओं और मासिक धर्म के दौरान इस योग के अभ्यास को न करने की सलाह दी जाती है।
- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को भी इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- योग को हमेशा किसी विशेषज्ञ की निगरानी में ही करें, इसमें होने वाली गलती गंभीर चोट का कारण बन सकती है।