आपसी रिश्तों में स्पेस भी है जरुरी…

रिलेशनशिप। रिलेशनशिप में अधिकतर लोग हर छोटी व बड़ी बात, सबसे पहले अपने पार्टनर से शेयर करते हैं। लेकिन कुछ ऐसी भी बातें होती हैं, जिन्हें आप चाह कर भी शेयर नहीं करना चाहते। ऐसे में आपके आपसी रिश्तों में दूरियां आने लगती हैं और उनमें शक बैठने लगता है।

लेकिन, रिश्‍ते में इतनी दखल अंदाजी भी ज़रूरी नहीं है। आपसी रिश्तों में कुछ स्पेस रखा जाए, लेकिन यह स्पेस भी ध्यान में रखकर बनाया जाए, जिससे आपके रिश्ते और अधिक खराब ना हों। दरअसल, हर रिश्ते में थोड़ी स्पेस की ज़रूरत होती है। आइए जानते हैं आपसी रिश्‍ते में कितना स्पेस सही है और कितना गलत-

अपने इंटरेस्ट की तरफ सोचने का समय:-

आपसी रिश्तों में स्पेस होना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इससे आपको थोड़ा वक्त अपने बारे में सोचने के लिए मिलता है। आपको किस बात से खुशी मिल सकती है, आपकी क्या ड्यूटी हैं आदि। रिश्ता शब्द तो छोटा है, लेकिन इसके मायने बहुत बड़े होते हैं।

आपसी रिश्तों में दूरी आने से रोकता है:-

रिश्तों में स्पेस रिलेशनशिप को थोड़ी सी आजादी देकर आपसी उलझन से बचा सकता है।

आपको मिल सकती है पहचान:-

रिश्तों में स्पेस की वजह से आप अपनी खुशियों अपने बारे में, अपने मी टाइम के बारे में सोचने का वक्त निकाल सकते हैं। आपको खुश रहने की वजह मिल सकती है।

खत्म होती है रिश्तों में निर्भरता:-

आपसी रिश्तों में मजबूती और निर्भरता खत्म करनी है तो थोड़ा सा स्पेस बहुत ज़रूरी है वरना एक-दूसरे पर निर्भरता या कोडिपेंडेंट होना रिश्तों को टॉक्सिक बना सकता है।

क्या करें:-

-हर बात शेयर करने से बचें।

-एक-दूसरे के मामलों में न हो दखल।

-ज्यादा पूछताछ से बचें।

-एक-दूसरे को थोड़ा वक्त दोस्तों के साथ बिताने दें।

-अगर रिश्तों में बोरियत, उलझन या दूरियां बढ़ने लगी हैं तो खुलकर अपने पार्टनर से बात करें।

क्या रिश्तों में स्पेस सही है?
-रिश्तों में स्पेस रिश्ते के प्रति पॉजिटिविटी बढ़ाती है।
-आपसी बॉन्ड मजबूत होता है।
-रिश्तों में बैलेंस आता है।
-एक-दूसरे पर निर्भरता खत्म होती है।

 

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