रिलेशनशिप। इस दुनिया में भाई बहन का रिश्ता बेहद खास होता है। हर भाई अपनी बहन को जी जान से चाहता है और उसे दुनिया की हर खुशी देनी की चाहत रखता है। लेकिन तेजी से बदलते सामाजिक परिवेश में आजकल भाई बहन के रिश्ते में भी बदलाव दिखने लगा है। जब एक भाई बहन को एक साथ घर में पाला जाता है तो बहुत सारे कारक ऐसे होते हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि बड़े होने पर उनका रिश्ता कैसा होगा।
पारिवारिक माहौल भाई बहन के बचपन को भी प्रभावित करता है और यह उनके व्यस्क जीवन पर भी प्रभाव डालता है। मौजूदा समय में भाई बहन के बदलते रिश्तों को लेकर मनोचिकित्सकों का कहना है कि हमारे समाज में हमेंशा ऐसा होता है कि भाई बहन के रिश्तों में जो टकराव और परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है।
भले ही भाई-बहन के रिश्ते भरोसे और दोस्ती की नींव पर बने होते हैं लेकिन बहुत सी चीजें इसे प्रभावित कर सकती हैं। सामान्यत: भाई बहन के बीच घनिष्ठता और दोस्ती पाई जाती है, हालांकि इस बीच एक सबसे बड़ी दुखद बात यह है कि मौजूदा समय में भाई बहन के बीच में मनमुटाव, दुर्व्यवहार, प्रतिद्वंद्विता बढ़ती जा रही है।
दुर्व्यवहार:-
एक ही घर में होने वाले पक्षपात के माहौल से धीरे-धीरे भाई बहनों के बीच दुर्व्यवहार की समस्या भी उत्पन्न होने लगती है।
माता-पिता का ध्यान:-
जब भाई बहनों में से किसी एक को माता पिता के ध्यान रखने की बात आती है तो बदलते परिवेश में ऐसी स्थिति में भी भाई बहन के बीच के रिश्तों में तनाव देखने को मिल जाता है।
एक दूसरे के खिलाफ होना:-
अक्सर एक ही घर में कुछ ऐसे कार्य आयोजित किए जाते हैं जिनमें भाई बहन ही एक दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं। ऐसे कार्य भले ही सामान्य लगते हों लेकिन इनके जो परिणाम होते हैं वह भाई बहनों के रिश्तों को तनावपूर्ण बना देते हैं।
मुश्किल हालात:-
जब एक परिवार सामूहिक रूप से किसी मुश्किल हालात या परेशानियों का सामना करता है तो ऐसी परिस्थितियां में भी भाई बहन की भावनाओं प्रभावित करती हैं।
हेल्दी कम्युनिकेशन:-
किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए उसमें बातचीत और संचार होना बहुत जरूरी है। अजकल पैसा कमाने के पीछे लोग रिश्ते को भूल गए हैं। एक ही परिवार के बीच लोगों में कम्यूनिकेश खत्म हो गया है और ऐसे हालात भाई बहन के रिश्ते को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं।
पक्षपात:-
आजकल अधिकतर घरों में देखा जाता है कि माता पिता ही भाई बहन के बीच में पक्षपात करते हैं। पैरेंट्स अपने ही बच्चों में से एक को ज्यादा वरीयता देते हैं। ऐसे माहौल से दूसरे भाई बहनो में भी ईर्ष्या उत्पन्न होने लगती है और साथ ही उनमें आत्मसम्मान में भी कमी आने लगती है।