वाशिंगटन। राष्ट्रमंडल महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने यूपीआई पेमेंट के प्रस्ताव वाले कदम पर भारत की सराहना की है। राष्ट्रमंडल महासचिव ने इस कदम को परिवर्तनकारी बताते हुए अन्य सदस्य देशों के साथ अपनी यूपीआई तकनीक साझा करने के भारत के प्रस्ताव का स्वागत किया है। भारत ने 12 अक्टूबर को कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ गवर्नर्स की बैठक के दौरान यह प्रस्ताव दिया था।
यूपीआई एक तत्काल रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है जो इंटर-बैंक पीयर-टू-पीयर लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है। मोबाइल के माध्यम से की जाने वाली पेमेंट करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क लागू नहीं होता है। स्कॉटलैंड ने कहा कि, इस माध्यम ने कैशलेस अर्थव्यवस्था में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में यूपीआई के इस्तेमाल से देश में 11 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। उन्होंने कहा कि अपनी तकनीक को दूसरों के साथ साझा करने की भारत की इच्छा इसे अन्य देशों से अलग बनाती है।
उन्होंने कहा कि, भारत का यह अच्छा कदम है और इस तकनीक को साझा करने की इच्छा है। भारतीय बैंक ने हमारी सरकारी बैंक शासन बैठक में संकेत दिया है कि वे इस यूपीआई के लिए अन्य सदस्य राज्यों के साथ तकनीक को साझा करने के लिए तैयार हैं। 56 देशों के समूह के महासचिव ने कहा कि इस खुलेपन और उदारता का बहुत स्वागत है।
उन्होंने कहा कि, भारत ने यूपीआई के जरिए पेमेंट के ऑप्शन पर अन्य देशों को एक राह दिखाई हैं। भारत ने न केवल इस तकनीक को विकसित किया है, बल्कि जनता की भलाई के लिए दूसरों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। यह संभावित रूप से परिवर्तनकारी रहा है, क्योंकि भारत ने इसमें एक उज्जवल भविष्य देखा है। मॉरीशस में राष्ट्रमंडल के कानून मंत्रियों की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान इस तकनीक को रखा जाएगा।