दिल्‍ली सहित इन शहरों में प्रदूषण से लोगों का हाल बेहाल

नई दिल्ली। पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी से दिल्ली-एनसीआर का दम घुटने लगा है। हालात की गंभीरता देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण को लागू कर दिया गया है। इसके तहत दिल्ली और आसपास के जिलों में बीएस-6 को छोड़कर अन्य डीजल वाहनों पर रोक लगाई गई है। वहीं, गौतमबुद्धनगर में पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूल 8 नवंबर तक बंद कर दिए गए हैं। स्कूल चाहें तो इन बच्चों की ऑनलाइन क्लास ले सकते हैं।

दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में गिरावट अभी भी जारी है। दिल्ली-एनसीआर इलाकों में आज भी धुंध छाई है। वायु प्रदूषण के कारण राजधानी दिल्‍ली के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता गंभीर स्थिति में है। शुक्रवार को भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी रही। सुबह के समय दिल्ली का समग्र एक्यूआई 472 दर्ज किया गया है।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को काबू करने के तमाम जतन फेल हो गए हैं। हालात बेकाबू हो चले हैं। ग्रैप के तीसरे चरण की पाबंदियां नाकाम साबित हुई हैं। दिल्ली में इसका चौथा चरण लागू कर दिया गया है। घुटन भरे माहौल के बीच नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आठवीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली में सांसों का संकट गहराता जा रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक वर्तमान में नोएडा (यूपी) में 562, गुरुग्राम (हरियाणा) में 539 और दिल्ली विश्वविद्यालय के पास 563 है। दिल्ली का समग्र एक्यूआई वर्तमान में 472 है, जो बेहद गंभीर है।

बृहस्पतिवार को चरखी दादरी के बाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में 450 व चरखी दादरी का 460 रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले एक नवंबर को पहली बार दिल्ली-एनसीआर की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंची थी। तब दिल्ली 424 एक्यूआई के साथ देशभर में सबसे प्रदूषित शहर रहा था। पराली के दमघोंटू धुएं से लोगों ने आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ महसूस की। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि पांच नवंबर तक हवा की सेहत सुधरने की संभावना नहीं है। आगामी दिनों में पश्चिमी विक्षोभ बनने और हवा की रफ्तार बढ़ने से राहत की उम्मीद है।

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