लखनऊ। यूपी के तीनों सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेजों में स्नातकोत्तर की 95 में 48 सीटों की मान्यता रद्द कर दी गई है। इससे कई विभागों में अब स्नातकोत्तर की पढाई बंद हो गई है। मान्यता रद्द होने के पीछे संबंधित विभागों में संकाय सदस्यों की कमी होना बताया जा रहा है।
लखनऊ, वाराणसी और पीलीभीत के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में स्नातकोत्तर की सीटें हैं। इन सीटों पर दाखिले से पहले नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन की टीम निरीक्षण कर व्यवस्था की जांच करती है। इसके बाद ही यहां पीजी कोर्स चलाने की मान्यता देती है। मिली जानकारी के अनुसार पीजी की काउंसिलिंग से पहले टीम ने निरीक्षण किया तो तीनों कॉलेजों में संकाय सदस्यों की नहीं मिले। ऐसे में यहां के विभिन्न विभागों की पीजी की सीटें खत्म कर दी हैं।
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज टूडियागंज लखनऊ में पीजी की 49 सीटें हैं। यहां की रचना शरीर, क्त्रिस्या शरीर विभाग की पांच-पांच और बाल रोग व कौमारभृत्य विभाग की छह- छह सीटों की मान्यता रद्द कर दी है। यहां कुल 22 सीटों की मान्यता रद्द की गई है। राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज वाराणसी की 39 सीटों में 19 सीटों की मान्यता रद्द की गई है। इसी तरह राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज पीलीभीत की द्रव्य गुण की सभी सात सीटों की मान्यता रद्द कर दी गई है।
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेजों में 60 फीसदी से ज्यादा पद खाली हैं। करीब तीन सौ पद के लिए अधियाचन भेजा गया था, लेकिन अभी तक भर्ती नहीं हो पाई है। जो पहले से कार्यरत हैं, उनकी प्रोन्नति का मामला भी अटका हुआ है। बताया जाता है कि वर्ष 2019 में विभागीय प्रोन्नति समिति की प्रक्त्रिस्या हुई थी, लेकिन मामला कोर्ट में चला गया।