गुवाहाटी। पूर्वोत्तर के गुमनाम नायकों की वीरता को सम्मानित करने के लिए इंडियन आर्मी एक विशेष कार्यक्रम करने जा रही है। सेना 20 और 21 नवंबर को पूर्वोत्तर स्वाभिमान उत्सव का आयोजन करने जा रही है। इसकी जानकारी यहां आयोजिक संवाददाता सम्मेलन में सेना के अधिकारियों ने दी। इस विशेष कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र निर्माण में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के वीरों के योगदान को याद किया जाएगा। यह कार्यक्रम भारतीय सेना, मुख्यालय पूर्वी कमान के तत्वावधान में आयोजित होगा। यह कार्यक्रम आजादी के अमृतमहोत्सव समारोह की एक कड़ी का हिस्सा है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए 101 क्षेत्र के जेसीओ ले.जनरल केसी पंचनाथन ने कहा, यह कार्यक्रम आजादी के अमृतमहोत्सव की कड़ी के तहत किया जा रहा है। इसके माध्यम से हमें पूर्वोत्तर भारत के उन वीरों के बारे में जानने का मौका मिलेगा, जिन्होंने देश की आजादी में अपना योगदान दिया। उनमें बहुत से वीर ऐसे थे, जिन्हें हम नहीं जानते लेकिन उनका योगदान अविस्मरणीय है। इसके माध्यम से हम उनको सैल्यूट करना चाहते हैं।
इस कार्यक्रम में वीर नारियों को भी सम्मानित किया जाएगा। सैनिक शस्त्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। साथ ही अन्य कई कार्यक्रम किए जाएंगे, जिसमें पूर्वोत्तर भारत की विविधता के दर्शन होंगे। एनईआर के गुमनाम नायकों की भूमिका, भारतीय सशस्त्र बलों और सरकार के अन्य महत्वपूर्ण अंगों जैसे उत्तर पूर्वी परिषद, सीमा सड़क संगठन के योगदान के बारे में जागरूकता फैलाने का एक उपयुक्त अवसर होगा। एनईआर के समग्र विकास की दिशा में असम राइफल्स और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे, एनईआर के एकीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ नागरिक-सैन्य संबंधों को और मजबूत करते हैं।
इस कार्यक्रम को असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड की राज्य सरकारों के साथ-साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक परिषद का भी सहयोग मिल रहा है।