स्वास्थ्य। WHO के मुताबिक विश्व में करीब 1.28 अरब लोगों को हाई बीपी की समस्या है। लेकिन दुर्भाग्य से इनमें से 46 प्रतिशत को पता भी नहीं है कि उन्हें ब्लड प्रेशर की बीमारी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हार्ट डिजीज के कारण हर साल करीब 1.79 करोड़ लोगों की मौत हो जाती है। कनाडा में हुई एक रिसर्च के मुताबिक शहद के सेवन से हार्ट डिजीज के जोखिम को कम किया जा सकता है। दिलचस्प बात यह है कि शहद में लगभग 80 फीसदी शुगर रहती है, इसके बावजूद यह ब्लड शुगर को भी कम करने में मददगार है।
ब्लड शुगर को कम करता है शहद:-
एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि शहद ब्लड शुगर को बैलेंस रखता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ने नहीं देता है। मेटाबोलिक हेल्थ के लिए ये दोनों चीजें जरूरी है। कार्डियोमेटाबोलिक डिजीज लाइफस्टाइल से संबंधित बेहद आम बीमारी बन गई है। इसके कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज जैसी बीमारियां होती है। इन बीमारियों को समय रहते रोका जा सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक सही लाइफस्टाइल के साथ डाइट में चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल किया जाए तो टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज को होने से रोका जा सकता है।
शहद में दुर्लभ तरह की शुगर:-
शोधकर्ताओं ने कच्चे शहद को लेकर एक अध्ययन किया जिसमें 1800 लोगों को शामिल किया गया। इसमें 18 ट्रायल हुए। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने शहद का सेवन किया उनमें ब्लड शुगर लेवल और बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत कम हो गया। वहीं गुड कोलेस्टॉल का लेवल बढ़ गया। प्रतिभागियों ने हेल्दी डाइट ली और शुगर को सिर्फ10 प्रतिशत तक कम किया। इन लोगों को औसतन 40 ग्राम शहद रोजाना दिया गया। यह करीब दो चम्मच होता है. इन लोगों को 8 सप्ताह तक रोजाना शहद का सेवन करने के लिए कहा गया। अध्ययन में पाया गया कि सिर्फ कच्चे शहद से ये फायदे मिलते हैं। अध्ययन में यह भी कहा गया कि अगर शहद को 65 डिग्री तक भी गर्म कर दिया जाए तो इससे कुछ भी फायदा नहीं मिलता।