यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल करने में ये योगासन हैं मददगार

योग। बॉडी में यूरिक एसिड के स्तर का बढ़ना गाउट जैसी दर्दनाक समस्याओं का प्रमुख कारण मानी जाती है। यूरिक एसिड, एक प्रकार का रसायन है जो शरीर में प्यूरीन नामक पदार्थ के ब्रेक डाउन की स्थिति में बनता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते है कि  आहार पर ध्यान न रखने के कारण लोगों में इस तरह की समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। बढ़े हुए यूरिक एसिड की स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ के मुताबिक,  यूरिक एसिड को कम करने के लिए दवाओं के साथ सही आहार और कुछ व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करना बेहतर विकल्प हो सकता है। योग के नियमित अभ्यास से न सिर्फ यूरिक एसिड को नियंत्रित किया जा सकता है साथ ही योग, इसके कारण होने वाली जटिलताओं जैसे दर्द और गाउट के जोखिमों से बचाने में भी लाभकारी है। स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों ने पाया कि रोजाना योग करने वाले लोगों में यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या का जोखिम कम होता है। तो आइए जानते हैं कि इसके लिए किन योगासनों की आदत बनाना लाभकारी हो सकता है?

प्राणायाम योग :-
योग विशेषज्ञों के बताते है कि सभी लोगों को दिनचर्या में प्राणायाम के अभ्यास को जरूर शामिल करना चाहिए, इससे सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं में भी लाभ पाया जा सकता है। यूरिक एसिड और इसके कारण होने वाली गाउट की दिक्कत को कम करने में भी इससे लाभ मिलता है। प्राणायाम से शरीर में रसायनों का संतुलन बेहतर बना रहता है जिससे यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

गोमुखासन योग :-
गोमुखासन को योग विशेषज्ञ अत्यंत लाभकारी अभ्यासों में से एक मानते हैं। पीठ एवं बांहों की मांसपेशियां को मजबूत बनाने के साथ-साथ बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए गोमुखासन योग का अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है। इसे गाउट की समस्या में आराम दिलाने और जोड़ों के लिए भी कारगर अभ्यास के तौर पर जाना जाता है। गोमुखासन के नियमित अभ्यास से थकान, तनाव और चिंता भी कम होती है।

उष्ट्रासन योग :-
यूरिक एसिड के बढ़ जाने के कारण एड़ी, कमर, गर्दन, घुटने आदि में तेज दर्द होता है। इस तरह की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए उष्ट्रासन योग का नियमित  अभ्यास को लाभदायक माना जाता है। पेट के निचले हिस्से से अतिरिक्त चर्बी कम करने के साथ कमर और कंधों को मजबूत बनाने में भी इस योग को काफी कारगर माना जाता है। गर्दन और पीठ के दर्द को कम भी उष्ट्रासन योग लाभदायक हो सकता है।

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