देहरादून। जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद उत्पन्न हुई परिस्थितियों के बीच अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में शुरू होने वाली बद्रीनाथ यात्रा पर आशंकाओं के बादल मंडरा रहे हैं। इस बीच प्रदेश सरकार ने साफ कहा है कि यात्रा पुराने रूट जोशीमठ से ही संचालित की जाएगी।
नया बाईपास भी इसका विकल्प नहीं है, उसे बनने में दो से ढाई साल लगेंगे। सरकार ने भरोसा दिया है कि यात्रियों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। सोमवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि भू-धंसाव के बाद बद्रीनाथ हाईवे पर भी कुछ स्थानों पर दरारें आई हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि उनमें बढ़ोतरी नहीं हो रही है। मार्ग के पूरी तरह से धंसने की आशंका के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में तकनीकी संस्थाओं की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ फैसला लिया जाएगा।
इसके बाद दूसरे विकल्पों पर विचार होगा। उन्होंने कहा कि अगले तीन से चार सप्ताह में रिपोर्ट आ जाएगी। डॉ. सिन्हा ने बताया कि औली में होने वाले विंटर गेम्स को स्थगित नहीं किया गया है। पर्यटन विभाग भी तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। विंटर गेम्स होंगे या नहीं, इस पर पर्यटन विभाग की ओर से फैसला लिया जाना है। फिलहाल पर्यटन विभाग की भी रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।