धर्म। 20 फरवरी को वर्ष की पहली सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है। सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या का खास महत्व होता है। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान, पुण्य और पितरों को तर्पण किया जाता है। शास्त्रों के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन स्नान दान और पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव को समर्पित होने का कारण सोमवती अमावस्या का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं और पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं। साथ ही पति की दीर्घायु होने की कामना भी करती हैं। इसके अलावा इस दिन कुछ उपाय करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। तो चलिए जानते हैं भाग्योदय के लिए सोमवती अमावस्या के दिन कौन से उपाय करने चाहिए…
शिवजी का करें अभिषेक :-
सोमवती अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है। इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा अवश्य करनी चाहिए। शिवलिंग पर कच्चे दूध और दही से अभिषेक करें और काले तिल अर्पित करें। साथ ही इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक अवश्य करें। इससे आपके अधूरे काम पूरे होंगे।
पितरों के लिए करें तर्पण :-
सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए। इस दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल और पुष्प अर्पित करें साथ ही ‘ॐ पितृभ्य: नम:’ मंत्र का जाप करें। इससे आप पर पितरों का आशीर्वाद बना रहेगा।
सुहागिनें जरूर करें शिव-पार्वती पूजा
सोमवती अमावस्या सुहागिनों के लिए काफी महत्व रखता है। सोमवती अमावस्या के दिन शिव पार्वती की पूजा होती है। ऐसे में इस दिन सुहागिन कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे पति की सेहत संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। आपका दांपत्य जीवन सुखमय होगा।
पीपल का एक पौधा लगाएं :-
यदि संभव हो तो सोमवती अमावस्या के दिन पीपल का एक पौधा अवश्य लगाएं। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल का पौधा लगाने से पितर देव बहुत खुश होते हैं। साथ ही इससे तरक्की के रास्ते भी खुल जाते हैं।