खाली पेट इन चीजों का सेवन आंतों को कर सकता है डैमेज

लाइफस्‍टाइल। हमें क्या खाना चाहिए, क्या नहीं, यह हमारी पसंद पर निर्भर है। लेकिन पसंद हम नहीं बल्कि हमारी आंत तय करती है। हर इंसान की आंतों की क्षमता अलग-अलग होती है। कुछ व्यक्तियों की आंतें सब चीजों को पचाने में असमर्थ होती है। जबकि कुछ व्‍यक्तियों में नहीं। कुछ फूड ऐसे होते हैं जिनसे ज्यादा एसिड बनता है जिसके कारण आंतें आसानी से ग्रहण नहीं कर पाती। इसलिए ऐसे फूड को खाने से पेट में अलग तरह से प्रक्रियाएं होती हैं जिसके कारण पेट में दर्द हो सकता है।

हालांकि जब कुछ लोगों को पेट में दर्द होता है तब पता नहीं रहता कि यह दर्द क्यों हो रहा है। हेल्दी भोजन हमारे लिए आवश्‍यक है लेकिन कुछ हेल्दी फूड भी हमें नुकसान पहुंचा सकता है। हेल्‍थ एक्‍सपर्ट के मुताबिक आंतों की हेल्थ हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आंत में ही भोजन को तोड़ा जाता है और उससे आवश्यक पोषक तत्वों को निकाला जाता है। अगर आंतों में गुड बैक्टीरिया की कमी हो तो पेट में गैस, ब्लॉटिंग और अन्य समस्याएं होने लगती है। कुछ फूड में इतना ज्यादा फाइबर होता है कि यह पेट में दर्द का कारण बन जाता है। इन फूड को खाने से पेट में दर्द होता है।

कच्ची सब्जी

कुछ लोग सुबह-सुबह कच्ची सब्जी जैसे टमाटर, खीरा आदि खाने लगते हैं। लेकिन आपको समझना चाहिए कि कच्ची सब्जियों में सेलूलोज होता है जिसे पचाने के लिए हमारी आंत में एंजाइम नहीं होता। इस स्थिति में हमारी आंत के गुड बैक्टीरिया इसे पचाते हैं लेकिन जब गुड बैक्टीरिया कम हो तो इन चीजों को पचने में दिक्कत होती है। इससे गैस और ब्लॉटिंग के साथ पेट में दर्द भी हो सकता है।

इनुलिन पाउडर

फाइबर के नाम पर आजकल बाजार में बहुत सी चीजें बिकने लगी है। इन्हीं में से एक है इनुलिन पाउडर। इसमें बहुत अधिक फाइबर होता है जिसे पेट में पचाने में  काफी मुश्किल होती है। इनुलिन एक प्रकार का फ्रुक्टोओलिगोसैकैराइड है जिसे आंत बर्दाश्त नहीं कर पाती। इसलिए इसे खाने के बाद पेट में दर्द होने लगता है।

सेब

सेब में बहुत अधिक फाइबर होता है। हालांकि रोजाना एक सेब खाने से डॉक्टरों के पास जाने से बचा जा सकता लेकिन कुछ लोगों में सेब खाने के बाद पेट फूल जाता है। क्योंकि आंत ज्यादा फाइबर को सहन नहीं कर पाती है। यह फ्रुक्टोज मेलाएब्जॉब्शन यानी बर्दाश्त से बाहर की चीज है। ऐसे में पेट दर्द होने लगता है। अगर पेट में गुड बैक्टीरिया ज्यादा हो तो धीरे-धीरे इस तरह के फूड को लेना चाहिए।

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