NCFFS के अंतरगत 12वीं कक्षा में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा, किताबों में भी होगा बदलाव

नई दिल्ली।  इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन के द्वारा 12 सदस्यीय संचालन समिति तैयार की जा रही सिफारिशों को अपनाने के बाद कक्षा 9 और 10 की संरचना में भी एक बड़ा बदलाव होगा।  इसमें छात्रों के लिए आठ पेपर पास करने का नियम बनाया जा सकता है. वर्तमान में CBSE सहित अधिकांश बोर्डों के छात्रों को कक्षा 10 में कम से कम पांच विषयों को पास करना होता है. कक्षा 10 के छात्रों के लिए समिति एक वार्षिक प्रणाली का सुझाव दे सकती है।

नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा NCFFS  तैयार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक विशेषज्ञ पैनल नियुक्त किया गया है। विशेषज्ञ पैनल द्वारा साल में दो बार बोर्ड परीक्षा और 12वीं कक्षा के लिए एक सेमेस्टर प्रणाली की सिफारिश करने की संभावना है। इसके साथ ही स्कूल बोर्डों में कक्षा 11 और 12 में आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस को अलग करने वाली कठोर सीमाओं को कम करने के लिए साइंस और ह्यूमैनिटीज के मिश्रण को आगे बढ़ाने की स्वतंत्रता की भी सिफारिश की संभावना है।

 

रिपोर्ट में बताया गया है कि कक्षा 12 के लिए वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने से छात्र उन पाठ्यक्रमों में सक्षम होंगे तथा वे इसके लिए तैयार महसूस करते हैं  नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सुझाए गए पहल के अनुसार सिस्टम धीरे-धीरे ‘ऑन डिमांड’ परीक्षाओं की सुविधा की ओर बढ़ेगा।

रिपोर्ट के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक बताया गया कि NCFFS दस्तावेज का मसौदा लगभग तैयार है तथा इसे जल्द ही सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए अपलोड किया जाएगा।  NCFFS को आखिरी बार 2005 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के तहत संशोधित किया गया था।  नए NCFFS के आधार पर NCERT द्वारा जारी की जाने वाली और सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबों में भी परिवर्तन किया जाएगा।  यह NEP 2020 ढांचे के आधार पर विषयों की पसंद, शिक्षण के पैटर्न और मूल्यांकन सहित कक्षा के विभिन्न अन्य पहलुओं का भी पुनर्गठन करेगा।

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