नई दिल्ली। पैन कार्ड बैंक से लेकर नौकरी, पोस्ट ऑफिस आदि जैसे हर जगहों पर उपयोग किया जाता है। पैन कार्ड की मदद से आप किसी भी व्यक्ति के बारे में बहुत सी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पैन कार्ड को आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। इसे परमानेंट अकाउंट नंबर भी कहते हैं। यह 10 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है। पैन कार्ड पर दर्ज इन अल्फान्यूमेरिक नंबरों का एक खास मतलब होता है और इनमें कई तरह की जानकारियां छिपी होती हैं। आयकर विभाग पैन नंबर देने के लिए एक खास प्रोसेस का इस्तेमाल करते हैं, जिसके तहत आपको 10 अंक वाला नंबर दिया जाता है। 10 अंक वाले प्रत्येक पैन कार्ड में नंबर और अक्षरों का एक मिश्रण होता है। इसमें पहले पांच कैरेक्टर हमेशा अक्षर होते हैं, फिर अगले 4 कैरेक्टर नंबर होते हैं और फिर अंत में वापस एक अक्षर आता है।
PAN पर लिखे नंबर का अर्थ
पैन कार्ड पर कुल मिलाकर 10 अंक और अक्षर होते हैं। सभी अंक और अक्षर के अपने अलग-अलग अर्थ होते है। आयकर विभाग के मुताबिक, आप क्या हैं इसके बारे में चौथे अक्षर से जानकारी मिलती है. P का अर्थ इंडिविजुअल होता है। इसी प्रकार C – Company, H- हिंदू अविभाजित, A– लोगों का संघ, B – बॉडी ऑफ इंडिविजुअल, T – ट्रस्ट, L– Local Authority, F- फर्म, G- सरकारी एजेंसी, J- ज्यूडिशियल होता है।
कैरेक्टर बताता है सरनेम
पैन कार्ड का पांचवा कैरेक्टर आपके सरनेम के पहले अक्षर के बारे में बताता है। यदि आपका सरनेम शर्मा है तो आपके पैन नंबर का पांचवा कैरेक्टर S होगा। जबकि, नॉन इंडिविजुअल पैन कार्डधारकों के लिए पांचवां करैक्टर उनके नाम के पहले अक्षर को दर्शाता है। इसके आगे के 4 कैरेक्टर 0001 से 9990 के बीच हो सकते हैं। इसके साथ ही आखिरी कैरेक्टर हमेशा अक्षर रहता है।
दो तरह के होते हैं पैन कार्ड
पैन कार्ड दो तरह के होते हैं। भारतीय नागरिक इसे बनवाने के लिए फॉर्म नंबर 49A भरते हैं। जबकि विदेशी नागरिक भी पैन कार्ड बनवा सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें फॉर्म नंबर 49AA भरने होंगे। यदि किसी कंपनी के नाम पर लेनदेन करने के लिए अलग से पैन कार्ड बनवाए हैं। तो इसे साधारण शब्दों में बिजनेस पैन कार्ड भी कहते हैं।