चंडीगढ़। अमृतपाल सिंह के गिरफ्तारी के बाद भी उसके द्वारा छेड़ी गई मुहिम अभी भी बेखौफ जारी है। हांलाकि ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर पंजाब पुलिस ने असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया है।, अमृतपाल के विदेशी कनेक्शन जगजाहिर हो चुके हैं। विदेश में बैठे खालिस्तानी आतंकी उसके सरपरस्त हैं। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की ब्लॉगिंग साइट पर उसके गुर्गे एक्टिव हैं। उसकी गिरफ्तारी के बाद साइट को 24 अप्रैल को अपडेट किया गया है और अमृतपाल सिंह के हवाले से लिखा है कि ‘यह गिरफ्तारी नहीं अंत की शुरुआत है।’
साइट पर दिए गए संदेश से साफ जाहिर है कि अमृतपाल के गुर्गे और उसके विदेश में बैठे आका अभी भी पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश में जुटे हैं। यह साइट भारत से ऑपरेट हो रही है या विदेश से इस बात की अभी जानकारी हासिल नहीं हो पाई है।
जानकारों का कहना हे कि यह जांच का विषय है और पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसियों को इस बात की छानबीन करनी चाहिए. अमृतपाल के गुर्गे इस ब्लॉगिंग साइट के माध्यम से हेट स्पीच से प्रेरित कोट्स जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं जो पंजाब में आपसी भाईचारे के लिए घातक है. गौरतलब है कि अमृतपाल पर भी हेट स्पीट को लेकर ही NSA के तहत मामला दर्ज किया गया है.
‘शहादत के अलावा और कोई रास्ता नहीं’
अमृतपाल के खिलाफ दर्ज FIR में उसके उस भाषण का हवाला दिया गया है जिसमें उसने कथित तौर पर कहा था, ‘दुनिया की कोई भी सरकार सिखों को खालिस्तान हासिल करने से, स्वतंत्र सिख राज्य हासिल करने से नहीं रोक सकती। हम लड़ेंगे, और हमारी नस्लें लड़ेंगी और शहीद होती रहेंगी। हम आज नहीं तो कल इस धरती पर राज करेंगे। युवाओं से अपील है कि शहादत के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। यह गुलामी सिर्फ मेरे सिर कुर्बान करने से खत्म नहीं होगी, हम सबको कुर्बानी देनी होगी। तो आइए हम अपनी स्वतंत्रता के लिए मरें।’
FIR में बताया गया है कि इस तरह अमृतपाल सिंह भारत सरकार के खिलाफ खालिस्तान राज्य हासिल करने और भाषा, धर्म और नस्ल के आधार पर दुश्मनी बढ़ाने के लिए गांव बुद्ध सिंह वाला में अपने साथियों के साथ युद्ध करने का आह्वान कर रहा है, जो अपराध है। घातक हथियारों का प्रदर्शन करके और भड़काऊ भाषण देकर भारत सरकार के खिलाफ शत्रुता भड़काने का काम कर रहा है।