नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार कर ली है। बताया जा रहा है कि एनसीएलटी ने सीआईआरपी के तहत कार्यवाही शुरू करने के लिए गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार की है।
कंपनी के बोर्ड को किया गया निलंबित
वहीं, एनसीएलटी ने अपने फैसले में कहा कि हम दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए गो फर्स्ट एयरलाइंस की याचिका स्वीकार करते हैं। एनसीएलटी ने गो फर्स्ट की दिवालिया घोषित करने से संबंधित याचिका सुनवाई करते हुए कंपनी के बोर्ड को निलंबित कर दिया है। और फैसले में कहा कि “हम अभिलाष लाल को अंतरिम समाधान पेशेवर यानी आईआरपी नियुक्त करते हैं।”
इसमें कहा गया है कि निलंबित निदेशक मंडल आईआरपी के साथ सहयोग करेगा। निलंबित निदेशकों को तत्काल खर्च करने के लिए 5 करोड़ रुपये जमा करने के लिए भी कहा गया है। इस बीच एयरलाइन की ओर से कहा गया है कि परिचालन संबंधी परेशानियों के कारण गो फर्स्ट की 19 मई 2023 तक की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
एनसीएलटी की पीठ ने बुधवार को एयरलाइन की उस अर्जी पर भी फैसला किया, जिसमें उसकी वित्तीय देनदारियों पर अंतरिम रोक लगाने की अपील की गई थी। एनसीएलटी ने पट्टेदारों, उधारदाताओं की वसूली से भी गो फर्स्ट को संरक्षण प्रदान किया है और फिलहाल इसपर पाबंदी लगा दी है। जानकारी के लिए बता दें कि गो फर्स्ट पर लगभग 11,463 करोड़ रुपये की देनदारी है। वाडिया ग्रुप की कंपनी ने विमान इंजन की सप्लाई संबंधी परेशानियों का हवाला देते हुए कहा था कि वह उड़ानों का संचालन नहीं कर पा रहा है।