पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शास्त्रकार कहते हैं कि अन्य देवताओं के अस्तित्व का बोध केवल शास्त्र के आधार पर होता है जबकि शक्ति तत्व का सबको प्रत्यक्ष अनुभव हो रहा है। किसी भी कार्य के लिए प्रत्येक प्राणी पदार्थ में शक्ति तत्व स्पष्ट है। बोझा उठाने में, खाने में, सोने में, बोलने में जीवन के प्रत्येक कार्य में शक्ति की आवश्यकता है और शक्ति से ही सब कुछ हो रहा है। दुर्गा सप्तशती में लिखा है,
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
शक्ति तत्व का वास्तविक बोध हो जाने पर कण-कण में मां शक्ति का चिंतन हो सकता है। वैज्ञानिक खोज के आधार पर परमाणु में जो न्यूट्रोन, प्रोट्रोन और इलेक्ट्रोन में तत्व है, उसमें इलेक्ट्रोन शक्ति तत्व का ही रूपांतर है। भौतिकवादी जिसे उर्जा मानते हैं, अध्यात्मवादी उसे पराम्बा भगवती के रूप में स्वीकार करते हैं।
मां जगदंबा ने देवी भागवत में स्वयं कहा है कि- यदि मैं तुम में से निकल जाऊं तो तुम हिल भी नहीं सकते और यह भी कहा है कि- ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रहते हुए भी यदि शक्ति न रहे तो व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। कमजोर होने पर व्यक्ति यही कहता है कि अब मुझमें चलने-फिरने की शक्ति नहीं रही। इसीलिए शक्ति की आराधना करते रहिए। इससे आपका अनंत ऊर्जा से सम्मिलन हो जायेगा।
सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।