Rahul gandhi Modi Surname Case: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोष सिद्धी पर रोक लगा दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी गुड टेस्ट में नहीं थी। पब्लिक लाइफ में इस पर सतर्क रहना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी का पक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी पर आरोप जमानती हैं।सिंघवी ने दलील दी कि मोदी सरनेम वाली कोई Identified क्लास नहीं है। अलग-अलग जाति के लोग मोदी सरनेम को इस्तेमाल करते हैं। जस्टिस गवई के मुताबिक, आज जो याचिका लगी है, उसमें राहुल गांधी ने दोष सिद्धि पर रोक की मांग की है। सजा पहले से राहुल गांधी की निलंबित है। संसद सदस्यता बहाल हो सके, इसके लिए जरूरी है कि दोष सिद्धि पर भी रोक लगे।
आपकेा बता दें कि भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। राहुल गांधी ने सभा में टिप्पणी की थी कि ‘‘सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे है? इसके बाद सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और 2 साल की सजा सुनाई थी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वकील ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम मोदी नहीं है, क्योंकि वह मोढ़ वणिक समाज से आते हैं। कांग्रेस नेता की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ से कहा कि उनका मुवक्किल कोई कुख्यात अपराधी नहीं है और भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए जाने के बावजूद उन्हें किसी भी मामले में कोई सजा नहीं हुई है।